ड्रैगनफ्लाई प्रोजेक्ट पर काम कर रही गूगल - कन्फर्म

9/27/2018 6:24:31 PM

गैजेट डेस्क : गूगल का चाइनीज ड्रैगनफ्लाई सर्च इंजन एक बार फिर विवादो के घेरे में फंस गया है। दरअसल, गूगल के चीफ प्राइवेसी ऑफिसर कीथ एनराइट ने अमरीकी सीनेट कमेटी के समक्ष मान लिया है कि कम्पनी Dragonfly नाम के प्रोजैक्ट पर काम कर रही है। लेकिन इस प्रोजैक्ट को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। एनराइट ने कहा कि वह फिलहाल इस प्रोजैक्ट के दायरे के अंदर व बाहर के स्वरूपों पर स्पष्ट नहीं हैं। यानी इस प्रोजैक्ट को लेकर फिलहाल वो कोई जानकारी नहीं देना चाहते। 

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क्या है ड्रैगन फ्लाई प्रोजैक्ट

द इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सर्च इंजन में लोगों द्वारा फ्री स्पीच, डेमोक्रेसी, ह्यूमन राइट्स, पीसफुल प्रोटेस्ट, स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट और नोबेल प्राइज जैसे शब्दों को सर्च नहीं किया जा सकेगा। यह सर्च इंजन लोगों के राजनीतिक रुझान और सरकार विरोधी भावना को सरकार तक पहुंचाने का काम भी कर सकता है। गूगल यह सर्च इंजन चीन सरकार के नियम व शर्तों के आधार पर बना रही है। यह सर्च इंजन मेनलैंड चाइना में स्थित एक कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर में तैयार हो रहा है।

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सर्च इंजन का हो रहा विरोध

गूगल के इस सर्च इंजन का मानवाधिकार संगठनों द्वारा यह कहकर विरोध किया जा रहा है कि अपने इस सर्च इंजन के जरिए गूगल अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों के हनन में शामिल हो जाएगा। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को आशंका है कि इस सर्च इंजन के जरिए यूजर्स द्वारा सर्च की जाने वाली सारी जानकारी चीन सरकार और अधिकारियों तक पहुंचेगी, जिसका इस्तेमाल सरकार विरोधी विचारों को दबाने के लिए हो सकता है।

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खड़ी हो सकती है बड़ी समस्या 

प्राइवेसी के लिहाज से यह बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है क्योंकि इस सर्च इंजन के जरिए लोगों की डिटेल्स प्रोफाइल के साथ-साथ उनकी आदतों और व्यवहार की सारी जानकारी का डाटा भी जुटाया जा सकेगा। यदि फोन के साथ सर्च इंजन को जोड़ दिया जाता है तो लोग सरकार की नजरों से बच नहीं पाएंगे।


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Hitesh

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