साइज यू.एस.बी स्टिक जितना, मिनटों में कर सकती है डी.एन.ए. की जांच
8/2/2016 10:11:37 AM

जालंधर : 1970 के दशक में वर्षों की रिसर्च के बाद सबसे पहला इंसानी डी.एन.ए. का सीक्वैंस खोजा गया था। अब लगभग 40 साल बाद टैक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई है कि जैनेटिक इंफर्मेशन हासिल करना कुछ मिनटों का काम रह गया है। वैज्ञानिकों ने ऐसी पोर्टेबल मशीन तैयार की है जो देखने में एक छोटी-सी यू.एस.बी. स्टिक की तरह लगती है पर इंसानी डी.एन.ए. पहचानने की काबिलियत रखती है। आइए जानते हैं इस छोटी और बेहद काम की डिवाइस के बारे में :-
ऑक्सफोर्ड नैनोपोर टैक्नोलॉजीस ने तैयार की है डिवाइस
इस पोर्टेबल डिवाइस का नाम मिनियन है जिसे ऑक्सफोर्ड नैनोकोर टैक्नोलॉजीस के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ नाटिंगम्स के बायोलॉजिस्ट डा. मैट लूस मिनियन के साथ काम कर रहे हैं और उन्होंने बताया कि मिनियन बेहद छोटे मॉलीक्यूल पोर्स में से डी.एन.ए. को पास करता है जिससे डी.एन.ए. सीक्वैंस बहुत जल्दी तैयार हो जाता है। डा. मैट और उनकी टीम द्वारा इस प्रोसैस को रीड एन्टेल का नाम दिया गया है। इसमें रीयल टाइम डाटा मिलने से बायोलोजिकल नतीजों पर पहुंचना बेहद आसान हो जाता है।
मिनियन का डिजाइन :
मिनियन की पोर्टेबिलिटी ही इसे सबसे अलग करती है। यू.एस.बी. स्टिक जितने साइज के कारण इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसमें लगे फ्लो सैल और सैंसिज की मदद से यूजर डी.एन.ए. जैसी जटिल जानकारी कुछ मिनटों में ही हासिल कर सकता है। मिनियन को यू.एस.बी. 3 केबल की मदद से लैपटॉप के साथ कनैक्ट किया जाता है और इस सबको आप्रेट करने के लिए इंस्ट्रूमैंट कंट्रोल सॉफ्टवेयर को प्रयोग में लाया जाता है।
मिनियन ऐसे करता है काम :
यह डिवाइस नैनोपोर्स का प्रयोग करती है जिसमें से डी.एन.ए. के कारण गुजरते समय नैनोपोर्स के साथ लगे मैम्ब्रेन्स (झिल्ली) में हलचल पैदा होती है जिससे डी.एन.ए. सीक्वैंस का करंट ट्रैक तैयार हो जाता है। यह करंट ट्रैक डी.एन.ए. बेस तैयार करने के लिए बहुत जरूरी होता है। इसी प्रोसैसिंग टैक्नीक का प्रयोग करके डी.एन.ए. का घुमावदार सीक्वैंस तैयार किया जाता है।
नासा द्वारा स्पेस में प्रयोग किया जाएगा मिनियन:
नासा द्वारा मिनियन को फ्लाइट सर्टीफिकेशन के बाद अगले साल स्पेस में भेजा जाएगा। नासा का मुख्य मकसद यह जांचना है कि माइक्रो ग्रेविटी में डी.एन.ए. सीक्वैंसिंग संभव है या नहीं।