अब इंटरनेट से होगी Mobile पर भी कॉल
4/23/2016 12:21:34 PM

जालंधरः दूरसंचार विभाग ने यूनिफाइड ऐक्सेस सर्विस (यूएएस) लाइसेंस अनुबंध में संशोधन कर दिया है। इसके तहत इंटरनैट सर्विस प्रदाता के नेटवर्कों को दूरसंचार नेटवर्क से जुडऩे की इजाजत दी गई है। इससे वॉयस-एलईटीई 4G नेटवर्क पर आधारित रिलायंस जियो के यूजर भारती एयरटेल, वोडाफोन आदि दूरसंचार ऑपरेटरों के नेटवर्क पर कॉल कर सकेंगे।
विभाग ने संशोधन में कहा है, ''सर्किट स्विच्ड ट्रैफिक के आदन-प्रदान के लिए विभिन्न लाइसेंस वाले नेटवर्कों के बीच इंटरकनेक्शन राष्ट्रीय मानक के तहत होगा और आईपी आधारित ट्रैफिक का आदान-प्रदान दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) के अनुसार होगा क्योंकि टीईसी समय-समय पर तकनीकी व्यावहारिकता पर भी गौर करेगा।'' इस संशोधन के बाद आगामी 4G नेटवर्कों का इंटरकनेक्शन संभव होगा जो मुख्य तौर पर आईपी आधारित 4G टैकनोलजी होंगे। इसी साल फरवरी में दूरसंचार नियामक ट्राई ने यूनिफाइड लाइसेंस में संशोधन की सिफारिश की थी ताकि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क को लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार ऑपरेटरों के नेटवर्क से जोड़ा जा सके। यहां तक कि दूरसंचार आयोग ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है।
दूरसंचार ऑपरेटरों के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा कि इस संशोधन के बाद दूरसंचार ऑपरेटर किसी आईपी आधारित नेटवर्क वाले दूरसंचार ऑपरेटर को इंटरकनेक्शन से मना नहीं कर सकता। COAI के महानिदेश राजन एस मैथ्यू ने कहा, ''सभी ऑपरेटरों के मुख्य नेटवर्क आईपी आधारित हैं। इस प्रावधान के लागू होने से दूरसंचार ऑपरेटर अब आईपी आधारित नेटवर्क वाले अन्य दूरसंचार ऑपरेटरों को इंटरकनेक्शन सुविधा देने से इनकार नहीं कर सकता।''
इससे पहले तांबे के केबल के इस्तेमाल से नेटवर्क तैयार किया जाता था जिसे सर्किट स्विच कहते हैं। लेकिन आधुनिक नेटवर्क को आमतौर पर ऑप्टिकल फाइबर के इस्तेमाल से तैयार किया जा रहा है। दूरसंचार नियामक ट्राई इसके इंटरकनेक्शन उपयोगिता शुल्क (आईयूसी) के लिए एक परामर्श पत्र भी जारी कर सकता है।