ड्रोन उड़ाने के नियम हुए सख्त
4/27/2016 10:13:47 AM

डी.जी.सी.ए. ने जारी किए दिशा-निर्देश प्रत्येक ड्रोन के लिए जारी होगा एक यू.आई.एन. नंबर
जालंधर: ड्रोन के जरिए किसी कार्यक्रम की निगरानी कराना अब आसान नहीं होगा। उड्डयन विभाग संभावित खतरों को देखते हुए अब नियमों को सख्त करने जा रहा है। इस संबंध में डायरैक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डी.जी.सी.ए.) ने दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार किया है जिसमें प्रत्येक ड्रोन के लिए यू.आई.एन. नंबर भी जारी किए जाने की योजना है। अमरीका और सिंगापुर में इसे लेकर पहले ही नियम सख्त किए जा चुके हैं।
यहां बता दें कि पिछले साल अक्तूबर माह में दिल्ली के हाई सुरक्षा वाले क्षेत्र राजीव चौक और राष्ट्रपति भवन के आसपास एक संदिग्ध ड्रोन को उड़ते हुए देखा गया था। इसी माह में एक ड्रोन इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के आसपास भी उड़ता हुआ पाया गया था। इससे देश के खुफिया स्थानों के चित्र लिए जाने का खतरा पैदा हो गया था।
डी.जी.सी.ए. ने अब जो सुरक्षा की दृष्टि से गाइड लाइन तैयार की है उसके लागू होने पर परमिट लेने के बाद ही ड्रोन का प्रयोग किया जा सकेगा, यही नहीं प्रत्येक ड्रोन को सुरक्षा की दृष्टि से एक यूनिक आइडैंटीफिकेशन नंबर (यू.एन.आई.) भी जारी किया जाएगा। ऐसा करने वाला भारत पहला देश नहीं है, अमरीका ने भी पिछले साल मार्च माह में व्हाइट हाऊस के आसपास एक ड्रोन को उड़ता देखे जाने के बाद नियमों को कड़ा कर दिया था।
यहां बता दें कि ड्रोन एक चालक रहित विमान होता है जिसे किसी विशेष क्षेत्र का नक्शा लेने, सर्वे के अलावा व्यावसायिक फोटोग्राफी के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यही नहीं ई-कामर्स कंपनी अमेजन अपने ग्राहकों को इसके माध्यम से अमरीका में डिलीवरी करने पर भी विचार कर रही है। ऐसे में ड्रोन के खतरों को देखते हुए इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की अनुशंसा की थी। मसौदे के मुताबिक प्रथम चरण में ड्रोन को देश में उड़ाने की कानूनी वैधता देने के साथ ही आप्रेशन के लिए नियमों को कड़ा किए जाने की योजना है। डी.जी.सी.ए. ने इन्हें यू.एन.आई. नंबर दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा है।
अन्य देशों में ड्रोन के लिए नियम
अमरीका: सभी मानव रहित विमान जिनका वजन 0.55 पाउंड से अधिक होगा उन्हें आऊटडोर फ्लाइट से पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
नियम :
13 साल से अधिक उम्र के नागरिक मानव रहित विमान का रजिस्ट्रेशन बेव बेस्ट सिस्टम के जरिए करवा सकते हैं। इसके अलावा गैर नागरिक स्वामित्व प्रमाण प्राप्त कर सकते हैं।
दंड:
यदि कोई भी नियमों की अवहेलना करते हुए पाया जाता है तो उस पर सिविल पैनाल्टी 27,500 डालर तक लगाई जा सकती है। इसके अलावा आपराधिक अर्थदंड 250000 और तीन साल तक के कारावास की सजा हो सकती है।
सिंगापुर
यहां आपरेटरों और गतिविधियों के लिए अलग-अलग परमिट दिए जाने का प्रावधान है।
नियम :
मानव रहित विमान के आपरेशन के लिए यहां कुछ पहलुओं के लिए अलग-अलग एजैंसियों से अनुमति लेनी होगी। जैसे कि संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने के अलावा विभिन्न क्षेत्रों की फोटोग्राफी के लिए सिंगापुर पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
गाइडलाइन का मसौदा
-आपरेटर को 200 फिट से ऊपर हवाई क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए डी.जी.सी.ए. से परमिट लेना होगा।
-नियंत्रित हवाई क्षेत्र में विमान रहित ड्रोन को उड़ाना प्रतिबंधित होगा
-एयर ट्रैफिक कंट्रोल से अनुमति लेने के बाद ही हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। इसके लिए नियम बनाए जाएंगे जिनके मुताबिक ही उन्हें प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
-नियंत्रित हवाई क्षेत्र में प्रवेश से पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर से यह जानकारी लेनी होगी कि इस बीच किसी तरह का विमान आवागमन तो क्षेत्र में नही है।
-नियमों के मुताबिक ड्रोन को दिल्ली सहित अन्य संवदेनशील क्षेत्रों के 50 कि.मी .दायरे में उडऩे की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा न्यूक्लियर प्लांट, सैन्य क्षेत्रों और बार्डर पर भी इन्हें नहीं उड़ाया जा सकेगा।
-इसके अलावा ड्रोन से किसी भी स्पैसिफिक वस्तु को भी ड्राप करने की अनुमति नहीं होगी जिसका परमिट में उल्लेख नहीं है। इसके अलावा विस्फोटक या खतरनाक सामान को भी नहीं ले जाया जा सकेगा।
-मसौदे में ड्रोन के मेंटीनैंस, उस पर कंट्रोल करने वाले व्यक्ति की आयु कम से कम 18 वर्ष होना जरूरी होगी।