Facebook माइंड रीडिंग डिवाइस से आपके सोचते ही हो जाएगी टाइपिंग !

8/1/2019 4:29:10 PM

गैजेट डेस्क : सोशल मीडिया फेसबुक ने ब्रेन रीडिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित अपनी माइंड रीडिंग डिवाइस को विकसित किये जाने के प्लान्स को शेयर किया है। कंपनी ने इसे यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया , सैन फ्रांसिस्को के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर बनाया है। 

 

Facebook माइंड रीडिंग डिवाइस है सबसे ख़ास 


फेसबुक दिमाग को पढ़ सकने वाली तकनीक पर काम कर रहा है। इसके अंतगर्त एक डेमो पेश किया गया जिसमें दिमाग से पूरे फ्रेज को पढ़ा गया। अभी भी यह टेक्नोलॉजी ब्रेन कंप्यूटर इंटरफ़ेस के माध्यम से अवेलेबल है। 


 

ऐसी की थी facebook ने ब्रेन रीडिंग तकनीक की शुरुआत 

 

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साल 2017 के डेवेलपर कांफ्रेंस के दौरान कंपनी ने ब्रेन रीडिंग का कांसेप्ट पेश किया था। अब इसी तकनीक पर चल रहे प्रोजेक्ट का अपडेट हुए फेसबुक ने कहा है कि वह माइंड रीडिंग डिवाइस बनाने के प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है। 


फेसबुक के रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट  Facebook Reality Labs में इस माइंड रीडिंग डिवाइस पर काम चल रहा है। नेचुरल कम्युनिकेशन जर्नल के ज़रिये वैज्ञानिको ने दिमाग के सोचे कंटेंट को स्पीच के फॉर्मेट में सीधे स्क्रीन पर उतारा है। 


इस रिसर्च स्टडी में वैज्ञानिको ने 3 Epilepsy के मरीजों पर शोध किया। वैज्ञानकों  के अनुसार इन मरीजों के दिमागों ने इलेक्ट्रोड इंप्लांट के ज़रिये सालों बिताए है। ब्रेन सर्जरी के कारण जिन पेशेंट्स को बोलने में तकलीफ होती है उनके लिए यह मंद रीडिंग मशीन काफी मददगार साबित होगी। 


कंपनी के AR/VR हेड ने की घोषणा 

 

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Facebook के AR/VR वाइस प्रेसिडेंट Andrew Bosworth (Boz) ने एक ट्वीट कर कहा - 'आज हम नॉन इनवेसिव वेयरेबल डिवाइस पर किए जा रहे काम का एक अपडेट शेयर कर रहे हैं। ये ऐसी डिवाइस है जो ये पता लगा पाएगी कि आप क्या सोच रहे हैं। हमारा प्रोग्रेस असली संभावना दिखाता है कि फ्यूचर में AR ग्लास के साथ कैसे इंटरऐक्शन हो सकता है।' अभी यह ब्रेन रीडिंग टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट अपने शुरूआती स्टेज में है इसलिए फेसबुक इसे कस्टमर्स के लिए लॉन्च नहीं करेगी। 


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Edited By

Harsh Pandey

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