रिलायंस जियो ने की IUC खत्म करने की मांग, जानें क्या है पूरा मामला

11/16/2019 3:28:36 PM

गैजेट डैस्क: रिलायंस जियो एक बार फिर IUC चार्ज को लेकर चर्चा का विषय बन गई है। जियो ने 15 नवंबर को हुई ट्राई की एक बैठक में IUC को पूरी तरह खत्म या उसकी दर को कम करने की मांग की है। जियो ने बैठक में कहा कि टैलिकॉम कंपनियों के बीच वॉइस कॉलिंग ट्रैफिट सिमेट्री अब पूरी हो चुकी है और ऐसे में जीरो-IUC नियम को लागू करने में देरी नहीं होनी चाहिए।

वोडाफोन और एयरटैल कर रहे विरोध

जहां जियो ने फिर IUC चार्ज को खत्म करने की अपील की है वहीं इसके विपरीत एयरटेल और वोडाफोन ने ट्राई से 6 पैसे प्रति मिनट के हिसाब से IUC को और तीन साल तक जारी रखने पर जोर दिया है।

  • आपको बता दें कि जिस Bill and Keep नियम को लेकर जीरो-IUC की बात कही जा रही थी। वह पहले 1 जनवरी 2020 से लागू होने वाला था।

जल्द नए नियमों को लाने की हो रही कोशिश

रिपोर्ट के मुताबिक ट्राई के चेयरमैन आर.एस. शर्मा ने कहा है कि वे IUC के लिए जल्द से जल्द नए नियमों को लाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसके लिए कोई तय तारीख अभी नहीं बताई गई है।

IUC चार्ज को कम करने की भी हो रही अपील

रिलायंस जियो इन्फोकॉम के डायरेक्टर महेंद्र नाहटा ने जानकारी देते हुए कहा है कि 'जीरो कॉल कनैक्ट चार्ज को लागू करने में हो रही देरी के कारण जनवरी 2020 के बाद टैलिकॉम सर्विस को अफोर्ड कर पाना मुश्किल हो जाएगा।' जियो चाहती है कि अगर 6 पैसे के IUC चार्ज को खत्म नहीं किया जा सकता तो इसे कम कर देना चाहिए।

पूरी हुई ट्रैफिक सिमेट्री

जियो के महेंद्र नाहटा ने अपने बयान में कहा है कि टैलिकॉम कंपनियों के बीच जिस ट्रैफिक सिमेट्री की जरूरत होती है उसे पूरा कर लिया गया है। इसी लिए अब BAK नियम को लागू करने में देरी नहीं की जानी चाहिए।

  • अप्रैल 2017 में जब IUC को लागू किया गया था तो जियो के पास 90 प्रतिशत आउटगोइंग कॉल्स थीं और इनकमिंग कॉल की संख्या केवल 10 प्रतिशत ही थी। नाहटा के मुताबिक जियो नेटवर्क पर आउटगोइंग और इनकमिंग कॉल का अनुपात दूसरों के मुकाबले काफी अधिक है। यही कारण है कि ट्राई को BAK लागू करने के लिए 31 दिसंबर 2019 की डेडलाइन को तय करना पड़ा था।

 

Hitesh