Facebook के बाद विवादों के घेरे में YouTube, पेरेंट्स ने लगाया डाटा इकट्ठा करने का आरोप

4/10/2018 2:14:23 PM

जालंधर : फेसबुक के बाद अब यूट्यूब भी डाटा इकट्ठा करने के आरोप में बुरी तरह से फंस गई है। चाइल्ड सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन ग्रुप्स ने US फैडरल ट्रेड कमीशन में एक शिकायत दर्ज कर दावा किया है कि YouTube Kids प्लैटफोर्म के जरिए बच्चों के डाटा को कलैक्ट किया जा रहा है व कम्पनी 13 वर्ष से छोटे बच्चों को भी एडवर्टाइजमेंट दिखा रही है। जबकि ऑनलाइन प्राइवेसी एक्ट के तहत बच्चों का डाटा इकट्ठा करने पर मनाही है। जिससे यह पता चलता है कि यूट्यूब अपनी जिम्मेदारी भूल गई है। शिकायत दर्ज करने वाले ग्रुप्स के गठबंधन में 23 चाइल्ड अडवोकेसी, कन्जयूमर व प्राइवेसी ग्रुप्स आदि शामिल हैं। 

 

इस तरह की जानकारी कलैक्ट कर रही यूट्यूब
इन ग्रुप्स ने शिकायत में दावा किया है कि 13 वर्ष से छोटे बच्चों की पर्सनल जानकारी जैसे लोकेशन, वह कौन सी डिवाइस का उपयोग कर रहा है व फोन नम्बर आदि को इकट्ठा किया जा रहा है। 

 

80 प्रतिशत छोटे बच्चे कर रहें उपयोग
यूट्यूब किड्स एप को वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था और कुछ ही दिनों में यह बच्चों में काफी लोकप्रिय भी हो गई थी। इस शिकायत में ग्रुप्स ने दावा किया है कि अमरीका में 6 से 12 वर्ष के 80 प्रतिशत बच्चे इसका उपयोग करते हैं। 

 

क्या है यूट्यूब किड्स एप?
इस खास यूट्यूब किड्स एप के जरिए बच्चे नर्सरी राइम्स और किड्स सॉन्ग्स को सुनना काफी पसंद करते हैं। इसके 15.9 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। इस एप में अलग से सर्च कन्ट्रोल ऑप्शन दी गई है जो वीडियोज़ को आसानी से सर्च करने में भी मदद करती है। 

 

यूट्यूब ने दी प्रतिक्रिया 
द-गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा है कि वह इस शिकायत की पूरी तरह से जांच करेंगे, व यह भी देखेंगे कि इनमें और सुधार कैसे किया जाए। हम बच्चों व माता-पिता को सुरक्षा के मामले में हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। 

 

प्रॉफिट बढ़ाने के लिए गलत रास्ते अपना रहीं कम्पनियां
फेसबुक की तरह गूगल भी बड़े रिसोर्सेस पर अपना ध्यान केंद्रित करने पर लगी हुई है ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट को कमाया जा सके, लेकिन इसके चलते कम्पनियां प्राइवेसी से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियां भूल गई हैं। 

 

सिक्योरिटी को लेकर यूटयूब को पहले भी झेलनी पड़ी आलोचनाएं
यह पहली बार नहीं है जब यूटयूब इस तरह विवादों के घेरे में फंसी है। इससे पहले भी वर्ष 2015 में बच्चों को एडवर्टाइजमेंट देखने के चक्कर में कम्पनी को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। अब दूसरी बार गर्म हुए इस मुद्दे पर शिकायत के जरिए यूटयूब को यह स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है कि उसका सिस्टम पर्याप्त नहीं हैं।


 

Punjab Kesari