अमरीकी आर्म्ड फोर्सेस को मिलेंगे एडवांस्ड नाइट विजन सिस्टम्स

6/25/2018 5:42:05 PM

- कम रोशनी में निगरानी करने के काम आएगी यह तकनीक
- खतरे भरी स्थिति में तेजी से मिशन को अंजाम दे सकेंगे सैनिक

 

जालंधर : देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमरीकी आर्म्ड फोर्सेस ने नैक्स्ट जैनरेशन नाइट विजन टैक्नोलॉजी में निवेश किया है। इस प्रोजैक्ट के तहत अमरीकी आर्मी और अमरीकी मरीन कॉर्प्स के लिए दो अलग-अलग तरह के नाइट विजन सिस्टम्स बनाए जाएंगे जो रात के समय गहराई के साथ जगह की निगरानी करने में मदद करेंगे। इसके अलावा कम रोशनी वाली खतरनाक स्थिति में मिशन को अंजाम देने के लिए भी यह तकनीक काफी सहायक होगी।

 

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पहली बार हुआ था नाइट विजन टैक्नोलॉजी का उपयोग

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पहली बार नाइट विजन टैक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था और युद्ध के दौरान यह किसी क्रांति से कम नहीं था। इनकी मदद से रात के समय देखना सम्भव हो पाया था जिससे 24 घंटे युद्ध चला था। इस तकनीक की उपयोगिता को देखते हुए बाद में इसे सिक्योरिटी के लिए उपयोग में लाने का फैसला लिया गया था। 

 

कम रोशनी में विस्फोटक की पहचान करने में होगी आसानी

इन डिवाइसिस में से एक हैल्मेट माऊंटिड बर्नाक्यूलर नाइट विजन गोगल है जिसे छोटा नाम BNVG II दिया गया है। इसे खास तौर पर US मरीन कॉर्प्स के लिए तैयार किया गया है जोकि यूनाइटेड स्टेट्स आर्म्ड फोर्सेस की एक ब्रांच है। BNVG II को व्हाइट फासफोर इमेज इंटैन्सिफिकेशन टैक्नोलॉजी से बनाया गया है जो रोशनी के कम होने पर भी सैनिकों को कलैरिटी के साथ देखने में मदद करेगी। खास बात यह है कि विस्फोटक की पहचान करने में भी यह तकनीक काफी सहायक साबित होगी। 

 

मुश्किल परिस्थिति में भी कर सकेंगे उपयोग

BNVG II को लाइटवेट होने के कारण एक कम्बैट हैल्मेट के साथ अटैच किया जा सकेगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि मिशन के दौरान बारिश, धुंध, धूल और धुएं में भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। यह तकनीक सैनिकों को पत्तेदार इलाके या झाड़ियों के पार भी देखने में काफी सहायता करेगी। 

 

सफल रहा परीक्षण

इन्फैंट्री वैपन्स (क्लोज़ रेंज वैपन्स) की ऑप्टिक्स टीम को लीड कर रहे जो ब्लैकस्टोन ने बताया है कि मार्च महीने में कैलिफोर्निया के एक शहर सैन डियागो में एक परीक्षण किया गया है जहां मरीन्स ने इन BNVG II तकनीक से बनी गोगल्स का उपयोग करने पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। आपको बता दें कि मरीन्स प्रशिक्षित सैनिकों की एक टीम है जिसे खास तौर पर भूमि या समुद्र में सेवा करने के लिए ट्रेन्ड किया जाता है। मरीन्स का कहना है कि इनकी मदद से रात के समय लम्बी दूरी तक निगरानी की जा सकती है व लाइट के कम होने पर मिशन को अंजाम देने में भी काफी मदद मिलती है। 

 

बनाई जाएगी नैक्स्ट जैनरेशन नाइट विजन दूरबीन

US आर्मी ने L3 टैक्नोलॉजी के साथ एक कांट्रैक्ट साइन किया है। तीन साल तक चलने वाले इस कॉन्ट्रैक्ट की कुल कीमत 391 मिलियन डॉलर बताई गई है जिसमें नैक्स्ट जैनरेशन नाइट विजन दूरबीन (ENVG-B) को भी शामिल किया जाएगा। इसमें व्हाइट फोसफोर टैक्नोलॉजी दी जाएगी जो इमेज एम्प्लीफिकेशन करेगी जिससे कम रोशनी वाली स्थिति में भी बेहतर क्लैरिटी मिलेगी।

 

नैक्स्ट जैनरेशन्स वैपन्स से डाटा शेयर करेगी यह दूरबीन

ENVG-B नाइट विजन दूरबीन में इम्प्रूव्ड हाई रैजोल्यूशन ऑप्टिक्स का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा इसमें ऑगुमैंटेड रियलिटी एल्गोरिदम को भी शामिल किया जाएगा। यह दूरबीन "आर्मी नैट वारियर वायरलैस पर्सनल एरिया नैटवर्क"  के साथ कनैक्ट रहेगी और नैक्स्ट जैनरेशन्स वैपन्स से डाटा शेयर करने में भी मदद करेगी। 

 

राष्ट्रीय सुरक्षा में होगा इजाफा

L3 टैक्नोलॉजीज़ के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर क्रिस्टोफर ई कुबासिक ने कहा है कि नाइट विजन टैक्नोलॉजी को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिससे सैनिकों को फील्ड में मदद मिलेगी। इन्हें खास तौर पर खतरे के माहौल में तेजी से आगे बढ़ने में मदद के लिए बनाया गया है। हमें गर्व है कि हम इसका समाधान निकालने में कामयाब हुए हैं। यह हमारी सहयोगी सांझेदारी को मजबूत करेगा और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा में भी काफी इजाफा होगा।

Hitesh