फेक न्यूज को लेकर दबाब में आई गूगल ने सख्त की अपनी विज्ञापन नीति

11/22/2019 4:11:45 PM

 गैजेट डैस्क: गूगल ने फेक न्यूज की समस्या को सुलझाने के लिए राजनीतिक विज्ञापनों के संबंध में बनाई गई अपनी नीति को और भी सख्त बना दिया है। गूगल ने जांच में पाया है कि मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से भ्रामक जानकारी फैलाने से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल हो रहा है।

  • गूगल ने बताया कि उसके नियमों ने किसी भी विज्ञापनदाता को गलत जानकारी देने से प्रतिबंधित कर दिया है, जिसमें राजनीतिक संदेशों वाले विज्ञापन भी शामिल हैं। गूगल अपनी नीति को और अधिक स्पष्ट कर रही है और ऐसे उदाहरणों को शामिल कर रही है जिससे आसानी से पता चल सके कि छेड़छाड़ की गई तस्वीरों या वीडियो को किस प्रकार प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

गूगल का बयान

कम्पनी के विज्ञापन उत्पाद प्रबंधन के उपाध्यक्ष स्कॉट स्पेंसर ने एक ऑनलाइन पोस्ट में लिखा कि हम बेशक पहचानते हैं कि मजबूत राजनीतिक संवाद लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम कोई भी राजनीतिक दावे, प्रतिशोध और अपमान को स्वीकार नहीं कर सकते, इसलिए हमें उम्मीद है कि जिन राजनीतिक विज्ञापनों पर हम कार्रवाई करेंगे, उनकी संख्या सीमित ही होगी।

मानवाधिकारों के लिए कैसे खतरा बना फेसबुक और गूगल

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बुधवार को बताया कि फेसबुक और गूगल का कारोबारी मॉडल दुनिया भर के मानवाधिकारों के लिए एक खतरा बन गया है। इन कंपनियों को ‘निगरानी आधारित कारोबारी मॉडल’ को छोड़ने के लिए मजबूर करना जरूरी है। लोगों को मुफ्त ऑनलाइन सेवाओं की पेशकश करना जिसके बाद में उनकी जानकारी को पैसे बनाने वाले विज्ञापनों के लिए उपयोग करना लोगों के स्वतंत्रता सहित अधिकारों को संकट में डाल रहा है।

डाटा साझा करने के लिए लोगों पर दबाव डालती हैं फेसबुक और गूगल

संगठन ने कहा कि यूजर्स के निजी डाटा को इकट्ठा कर इसका इस्तेमाल विज्ञापन व्यापार के लिए किया जाता है। फेसबुक और गूगल निजता के अधिकार पर अभूतपूर्व हमले कर रही हैं व लोगों पर दबाव डाल कर डाटा साझा करने को मजबूर कर रही हैं।

  • एमनेस्टी इंटरनेशल के महासचिव कुमी नायडू ने एक रिपोर्ट में सरकार से आग्रह किया है कि वह ऐसी नीति बनाए जिससे लोगों की निजता की सुरक्षा मिले और साथ ही उनकी पहुंच ऑनलाइन सेवा तक सुनिश्चित भी हो पाए।

Hitesh