फेसबुक खास एप्प के जरिए चुरा रही यूज़र्स का डाटा!

1/30/2019 5:25:40 PM

  • फोन का एक्सैस पाने के लिए दे रही पैसों का लालच 

गैजेट डैस्क : फेसबुक ने यूज़र्स का डाटा हथियाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। कम्पनी ने "Facebook Research" नाम की एप्प बनाई है जो वर्चुअल प्राइवेट नैटवर्क पर काम करती है यानी यह एक VPN एप्प है जो स्मार्टफोन पर डाटा एक्सैस पाने में कम्पनी की मदद कर रही है। इसे फोन में इंस्टाल करने के लिए कम्पनी 20 डॉलर (लगभग 1400 रुपए) देने का लालच भी दे रही है। एप्प को इंस्टाल करने के बाद फेसबुक सैलुलर कनैक्टिविटी के जरिए आपके फोन का एक्सैस पा लेती है जिसके बाद डाटा पर नियंत्रण किया जा सकता है। 

यूज़र की जानकारी हासिल कर रही फेसबुक

फेसबुक ने टैकक्रंच से बात करते हुए माना है कि यह एप्प अभी भी मौजूद है और यह यूज़र्स की आदतों व स्मार्टफोन उपयोग करने के तरीके का पता लगाती है। सिक्योरिटी एक्सपर्ट विल स्ट्राफैच (Will Strafach) ने बताया है कि फेसबुक रिसर्च एप्प के जरिए सभी तरह के डाटा को कलैक्ट कर रही है जिसमें यूज़र के प्राइवेट मैसेज, फोटोज और वीडियोज़ वाली इंस्टैंट मैसेजिंग चैट्स, ईमेल्स, वैब एक्टिविटी व लोकेशन इनफोर्मेशन आदि शामिल है। 

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एक लिंक पर क्लिक कर हो रही डाउनलोड

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस एप्प को एप्प स्टोर से डाउनलोड करने की भी जरूरत नहीं है। यूज़र एक अलग तरह के फेसबुक URL से इसे डाउनलोड कर रहे हैं। फोन में एप्प इंस्टाल करते समय एंटरप्राइज डिवैल्पर सर्टिफिकेट इंस्टाल हो जाता है जो फोन का एक्सैस ऑन कर देता है। 

आपको कैसे नुक्सान पहुंचा सकती है फेसबुक रिसर्च एप्प

इस एप्प को इंस्टाल करने के बाद यूज़र अपने स्मार्टफोन की परमिशन एप्प को दे देता है जिसके बाद यह एप्प पता लगाती है कि आप किस तरह की एप्प का किस समय उपयोग करते हैं। यूज़र की इंटरनैट ब्राउजिंग हिस्क्री को चैक किया जाता है वहीं फेसबुक कलाइंट्स यह भी पता करते हैं कि आप किस तरह की वैबसाइट पर जाते हैं व वहां पहुंच कर कैसे डाटा को शेयर करते हैं। 

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यूज़र्स को इनवाइट भेज रही फेसबुक

टैकक्रंच ने बताया है कि अन्य कम्पनियों की तरह ही फेसबुक लोगों को इनवाइट भेज रही है ताकि वे रिसर्च में पार्टिसिपेट करें और जरूरी बातों को समझने में कम्पनी की मदद करें। रिपोर्ट के मुताबिक इस सर्च का मुख्य कारण है कि फेसबुक इस बात को समझना चाहती है कि लोग किस तरीके से अपने मोबाइल का उपयोग करते हैं। लेकिन असल में यह मामला कम्पनी के पुराने Onavo प्रोजैक्ट की तरह ही है जिसे पिछले साल एप्पल ने प्राइवेसी ओबजैक्शन्स को लेकर रिमूव किया था। फेसबुक की इस रिसर्च एप्प को भी पुरानी एप्प Onavo की तरह ही फीचर्स दिए गए हैं वहीं यह एप्पल की प्राइवेसी पॉलिसी का भी उल्लंघन कर रही है।

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Hitesh

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