अब और भी तेजी से संभव होगा हड्डियों का इलाज, दो दवाओं का किया जाएगा उपयोग

2/24/2020 2:57:46 PM

गैजेट डैस्क: हड्डियों पर की गई एक स्टडी से पता चला है कि आने वाले समय में टूटी हुई हड्डी का इलाज कम समय में किया जा सकेगा। ये इलाज ऐसी दो दवाओं की मदद से सम्भव होगा जिन्हें FDA (फूड और ड्रग एडमिन्सट्रेशन, अमरीका) द्वारा अप्रूवल दे दी गई है।

  • इस अध्ययन की लेखक सारा रंकिन (Sara Rankin) ने कहा है कि जब हड्डी टूटती है तो वे ठीक हो जाती है, लेकिन इसके लिए हड्डी में स्टीम सैल्स को एक्टिवेट करना पड़ता है। इस नई रिसर्च में हमने MSC (मेसेनकाइमल स्टेम सेल) पर फोकस किया जिससे हमें पता चला कि ये सैल मांसपेशियों सहित विभिन्न प्रकारों में भी विकसित हो सकते हैं।

अगर रोगी से कुछ MSC सैल्स निकाल कर उन्हें लैबोरिटरी कन्डिशन्स में रख कर ग्रो करवाया जाए और दोबोरा से मरीज में इंजैक्ट किएं जाएं तो इससे हड्डियां तोजी से ठीक हो सकती हैं।

इन दो दवाओं का किया जाएगा उपयोग

स्टडी में पता चला है कि इलाज में उपयोग की जाने वाली ये दो दवाएं पलीरिक्सैफर (Plerixafor) और बीटा-3 एड्रीनर्जिक अगैनेस्ट (beta-3 adrenergic agonist) हैं। सारा रंकिन ने कहा कि इन दोनों ही ड्रग्स को MSC (मेसेनकाइमल स्टेम सेल) के साथ अगर खून में इंजैक्ट किया जाए तो इससे चोट स्थल पर कैल्शियम को बढ़ाकर हड्डी के गठन और उपचार की प्रक्रिया को गति मिलती है। हम इलाज के इस नई तरीके का आने वाले समय में फ्रैक्चर वाले रोगियों पर उपयोग करेंगे। जिसके बाद हमें पता लगेगा कि ये मनुष्य के लिए सेफ हैं या नहीं। फिलहाल इन नई दवाओं का जानवरों पर टैस्ट किया जा रहा है।

हार्ट अटैक के दौरान भी उपयोगी रहेंगी दवाएं

इन नई दवाओं का उपयोग बर्न, बोन फ्रैक्चर और यहां तक कि हार्ट अटैक के दौरान भी किया जा सकेगा। इस अध्ययन की सह-लेखक एंडिया रेडपाथ (Andia Redpath) ने कहा है कि ऐसे इलाज करने पर यह अन्य की तुलना में, सस्ता और अधिक कुशल तरीका साबित होगा।


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Hitesh

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