अब स्कूल से बंक नहीं कर पाएंगे स्टूडेंट्स, चाइना में बनाई गई पहली Smart uniform

1/1/2019 6:05:39 PM

गैजेट डैस्क : छात्रों के स्कूल से चोरी छिपे भाग जाने पर चाइनीज़ स्कूल्स ने अहम कदम उठाया है। बच्चों की हाजिरी में कमी आने पर चीन के 10 स्कूल्स ने छात्रों को इंटैलिजेंट यूनिफोर्म्स पहनना अनिवार्य कर दिया है जो बच्चों की लोकेशन का पता लगाने में मदद करेगी। इन इंटैलिजेंट यूनिफोर्म्स के कंधों पर दो चिप्स लगी हैं जो छात्र के स्कूल के अंदर आने व बाहर निकलने पर उसे ट्रैक करेंगी और इस डाटा को एप्प के जरिए पेरेंट्स व उसके टीचर्स तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा छात्र के स्कूल से बाहर निकलने पर अलार्म बजेगा जिससे पता लगेगा कि बच्चा बिना परमिशन स्कूल से बंक कर रहा है। 

  • चीन की Guanyu टैक्नोलॉजी कम्पनी द्वारा इन इंटैलिजेंट यूनिफोर्म्स को बनाया गया है जिन्हें सबसे पहले चीनी प्रांत Guizhou व चीनी स्वायत्त क्षेत्र Guangxi के 10 स्कूल्स में उपयोग में लाया जाएगा। माना जा रहा है कि लाख कोशिशे करने के बाद भी बच्चे स्कूल से भाग जाते थे यानी बंक कर लेते हैं जिस वजह से अब टैक्नोलॉजी की मदद ली गई है। 

एंट्रेंस पर लगेंगे खास तकनीक से लैस कैमरे

स्कूल्स की एंट्रेंस पर फेशियल रिकोग्निशन तकनीक की स्पोर्ट के साथ कैमरों को लगाया जाएगा जो यह पता लगाने में मदद करेंगे कि छात्र ने सही यूनिफार्म पहनी है या किसी दोस्त के साथ उसे बदला है। गलत यूनिफोर्म पहनी होने पर अलार्म बजेगा। 

500 बार धो सकते हैं यूनिफोर्म

स्मार्ट तकनीक होने के बावजूद इन इंटैलिजेंट यूनिफोर्म्स को वाशेबल बनाया गया है। इसकी निर्माता कम्पनी ने बताया है कि 150 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को यह सह सकती है। वहीं 500 बार इन्हें धोया जा सकता है। 

क्लास में सोने पर भी लगेगा पता

स्मार्ट चिप से लैस ये इंटैलिजेंट यूनिफोर्म्स इस बात की भी जानकारी देंगी कि बच्चा क्लास में सो रहा है वहीं छात्रों को पेमेंट करने में मदद करेगी हालांकि इसके लिए उसे स्कूल की कैन्टीन पर फेस स्कैनिग करनी होगी।

इस कारण लानी पड़ी नई टैक्नोलॉजी

आपको बता दें कि इससे पहले  स्कूल के एडमनिस्ट्रेटर ने बच्चों पर कन्ट्रोल करने की कई कोशिशें की हैं लेकिन वह असफल हुई है। इंटैलिजेंट यूनिफोर्म्स को पहली बार वर्ष 2016 में बनाया गया था। उस समय 800 बच्चों को पहली बार टैस्ट के दौरान ये यूनिफोर्म्स पहनाई गई थी, लेकिन अब बच्चों की अटैंडेंस में कमी आते देख इन्हें उपयोग करने का फैसला लिया गया। माना जा रहा है ऐसा करने पर बच्चों की अटैन्डेंस में इज़ाफ़ा होगा।

Hitesh