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Nari

खुद की ही दुल्हन बनी क्षमा बिंदु, पंडित जी बोले- नहीं करवा सकता बिना दूल्हे के शादी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 10 Jun, 2022 03:27 PM
खुद की ही दुल्हन बनी क्षमा बिंदु, पंडित जी बोले- नहीं करवा सकता बिना दूल्हे के शादी

खुद से विवाह (सोलोगैमी) की घोषणा कर देशभर में चर्चा में आई वडोदरा की क्षमा बिंदु ने पूर्व घोषित तारीख से पहले ही खुद के साथ सात फेरे ले लिए। उन्होंने बताया कि तय तारीख से तीन दिन पहले ही उन्होंने स्वयं से शादी कर ली है। क्षमा ने वडोदरा के गोत्री इलाके में अपने घर में ही आठ जून को स्वयं से शादी की। देश में इस तरह का यह पहला विवाह बताया जा रहा है।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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वहीं, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि स्वयं से विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है जबकि कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने क्षमा की मंशा पर सवाल उठाया है। उनका दावा है कि यह सोशल मीडिया पर फॉलोअर की संख्या बढ़ाने का हथकंडा है। बिंदु को इंस्टाग्राम पर फॉलो करने वालों की संख्या में गत कुछ दिनों में इजाफा हुआ है।

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बिंदु ने बताया कि उन्होंने 11 जून को मंदिर में स्वयं से विवाह करने की योजना बनाई थी और वैदिक रीतिरिवाज से शादी कराने के लिए पंडित की भी व्यवस्था कर ली थी, लेकिन बाद में पंडित के मना करने के बाद योजना में बदलाव करना पड़ा। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि- अंतत: मैंने बुधवार शाम को अपने घर पर ही कुछ चुनिंदा दोस्तों की मौजूदगी में खुद से शादी की। विवादों से बचने के लिए मैंने तय समय से पहले शादी की। विवाद की वजह से पुजारी ने भी विवाह कराने से इंकार कर दिया था। जिस मंदिर में मैंने शादी करने की योजना बनाई थी उसने भी सुनीताबेन के विरोध के बाद मेरी बुकिंग को रद्द कर दिया।’’

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उल्लेखनीय है कि सुनीता शुक्ला भाजपा की वडोदरा इकाई की उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने घोषणा की थी कि वह मंदिर में यह शादी नहीं होने देंगी। शुक्ला ने आरोप लगाया था कि बिंदु इस तरह के‘‘ प्रचार के हथकंडे’’से हिंदू युवाओं की मति को भ्रष्ट कर रही हैं। बिंदु ने शादी का वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वह दुल्हन के मेकअप, ‘मेहंदी’ और साड़ी में नजर आ रही हैं और पवित्र अग्नि के सामने सात फेरे ले रही हैं।

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क्षमा ने  कहा- ‘‘यह सपना सच होने जैसा था। इस शादी में दूल्हे और पंडित के सिवाय सबकुछ था। रीति-रिवाज के मुताबिक मैंने भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की। स्वयं ही माला पहनी और माथे में सिंदूर लगाया व सात वचन लिए, जिन्हें मैंने खुद के लिये लिखा था। बिंदु ने कहा कि उनकी मंशा रूढ़ियों को तोड़ना और अन्य को असली प्रेम प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना था। बिंदु ने दावा किया कि दूसरे शहर में रह रही उनकी मां ने इस शादी को अपनी सहमति दी है।

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कानूनी विशेषज्ञों का कहना था कि स्वयं से विवाह की कानून में कोई मान्यता नहीं है। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णकांत वखारिया ने  बताया कि- भारतीय कानून के तहत आप स्वयं से विवाह नहीं कर सकते। विवाह के लिए दो लोगों का होना जरूरी है। सोलोगैमी (स्वयं से विवाह) कानूनी नहीं है। अन्य वरिष्ठ वकील चंद्रकांत गुप्ता ने कहा, ‘‘हिंदू विवाह अधिनियम में शब्द है ‘‘जीवनसाथी’’जिसका अभिप्राय है कि विवाह पूर्ण होने के लिए दो लोगों की जरूरत है। सोलोगैमी कानूनी कसौटी को कभी पार नहीं करेगा।

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