भारत के चुनावों के दौरान व्हाट्सएप का हुआ भारी दुरूपयोग , रिसर्च स्टडी का दावा

9/29/2019 1:45:52 PM

गैजेट डेस्क : फेसबुक के स्वामित्व वाला व्हाट्सएप मेस्सजिंग ऐप लगातार यूज़र डाटा प्राइवेसी लीक , फेक न्यूज़ और प्रोपगैंडा को लेकर विवादों में रहा है। एक हालिया रिसर्च स्टडी में इस बात का दावा किया गया है कि भारत और ब्राजील में हाल के चुनावों के दौरान निराधार अफवाहें फैलाने , फेक न्यूज़ और गलत सूचना का प्रोपगैंडा चलाने के लिए मेस्सजिंग प्लेटफॉर्म का अत्यधिक दुरुपयोग किया गया है। 


ब्राजील में मिनस गेरैस के फेडरल विश्वविद्यालय और अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के रिसर्चर्स द्वारा किए गए स्टडी में यह दावा किया गया है। रिसर्चर्स ने यह पता लगाना चाहा क  प्लेटफॉर्म पर प्रसारित गलत सूचना के प्रसार का मुकाबला करने में व्हाट्सएप के सिक्योरिटी स्टेप्स कितने प्रभावी थे।

 

रिसर्च स्टडी में हुए व्हाट्सएप ग्रुप्स को लेकर अहम खुलासे 

 

 

उन्होंने तीन देशों - भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया में चुनाव के दिन, 60 दिन पहले और 15 के बाद के आंकड़ों का विश्लेषण किया। रिसर्च स्टडी में बताया गया है कि व्हाट्सएप चैट ग्रुप्स के ज़रिये समान विचारधारा वाले व्यक्तियों के बीच संबंध की अनुमति देता है, जिसमें 256 यूज़र्स जोड़ने की सीमा होती है और यह ग्रुप प्राइवेट या पब्लिक हो सकता है।

 

प्राइवेट ग्रुप्स में नए मेंबर्स को एक इनविटेशन लिंक द्वारा जोड़ा जाता है। जो ग्रुप एडमिन की भूमिका निभाता है वह ग्रुप्स की एक्टिविटीज पर नज़र रखता है। चूंकि व्हाट्सएप पर ज्यादातर चैट ग्रुप प्राइवेट होते हैं, फेसबुक पोस्ट्स या ट्विटर ट्वीट्स की तुलना में इन पर निगरानी करना कठिन होता है। रिसर्चर्स ने कई व्हाट्सएप पब्लिक ग्रुप्स में शामिल होकर और इन प्लेटफार्मों पर पोस्ट किए गए संदेशों का विश्लेषण किया।

 

 

उनके विश्लेषण से पता चला कि व्हाट्सएप ग्रुप्स में ज़्यादातर इमेज (80 प्रतिशत) दो दिनों से अधिक नहीं रहती हैं। लेकिन ब्राजील और भारत में ऐसी इमेजेस हैं जो पहली बार दिखने के दो महीने बाद भी दिखाई देती रहीं। भले ही 80 प्रतिशत इमेजेस व्हाट्सएप में दो दिनों से अधिक नहीं रहती हैं लेकिन यह पब्लिक ग्रुप्स में आधे यूज़र्स को इफ़ेक्ट करने के लिए पर्याप्त हो सकती हैं। इसके अलावा मैसेज , फेक न्यूज़ और मिसइन्फोर्मशन बाकी के 20 प्रतिशत के कंटेंट का हिस्सा है जो यूज़र्स को इफ़ेक्ट करता है। 

Edited By

Harsh Pandey