कम खर्च में तेजी से माल ढोने के काम आएगी हाइपरलूप तकनीक

5/2/2018 11:13:28 AM

- सामान जल्द पहुंचने पर समय की होगी बचत

जालंधर : माल को ट्रक के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में कई दिनों का समय लग जाता है वहीं अगर विमान के जरिए सामान की डिलीवरी की जाए तो इसमें खर्च काफी अधिक होता है। इसी बात पर ध्यान देते हुए कम खर्च में तेज रफ्तार पर माल को मंजिल तक पहुंचाने के लिए हाइपरलूप तकनीक पर आधारित एक प्रोजैक्ट शुरू किया गया है जिसके जरिए माल की स्पलाई करने पर खर्च तो ट्रक के जितना ही आएगा लेकिन यह विमान की रफ्तार से सामान को काफी कम समय में मंजिल तक पहुंचा देगा। इस DP World Cargospeed प्रोजैक्ट को वर्जन हाइपरलूप वन ने डीपी वर्ल्ड के साथ मिल कर शुरू किया है और इसे सबसे पहले UAE की राजधानी अबू धाबी में 10 किलोमीटर के क्षेत्र में बनाने की जानकारी दी गई है। 

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1000 km/h की रफ्तार पर होगी सामान की डिलीवरी 
इस प्रोजैक्ट में वर्जन हाइपरलूप वन सिस्टम को माल भेजने के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा। यह ट्रांसपोर्ट सिस्टम 1,000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सामान को भेजेगा। उदाहरण देते हुए बताया गया है कि अगर ट्रक से माल 4 दिनों में मंजिल तक पहुंच रहा है तो इसके जरिए 16 घंटों में ही उस सामान को लोकेशन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

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आसानी से रखा जा सकेगा सामान 
हाइपरलूप पैसेंजर पोड का उपयोग इस प्रोजैक्ट में किया जाएगा लेकिन इसमें यात्रियों के बैठने की सुविधा के बजाय सैल्फ बनाई गई होंगी जो सामान को कम समय में लादने में मदद करेंगी। आपको बता दें कि हाइपरलूप तकनीक को काफी तेजी से दुनिया भर में सराहा जा रहा है। यह तकनीक यात्रियों को साऊंड की रफ्तार से लो वैक्यूम ट्यूब्स के जरिए सफर करवाती है लेकिन अब इसके जरिए सामान को भेजना भी सम्भव हो जाएगा। 

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मुम्बई का आकलन कर रही कंपनी
माल ढोने की इस नई तकनीक को लेकर हाइपरलूप वन ने मुम्बई पोर्ट का भी  आकलन किया है। कम्पनी के मुताबिक मुंबई-पुणे एक्सप्रैस-वे में प्रतिदिन 1,10,000 वाहन गुजरते हैं जिनकी भीड़ को हाइपरलूप सिस्टम के जरिए कुछ हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया है कि इसकी मदद से 2 से 3 घंटों का सफर महज 25 मिनट का रह जाएगा जिससे मुम्बई पोर्ट को काफी फायदा मिल सकता है।

 

कम्पनी ने फिलहाल इस तकनीक को लेकर कोई टाइमलाइन जारी नहीं की है। लेकिन CNBC को रविवार को एक इंटरव्यू में वर्जन हाइपरलूप वन के चेयरमैन रिचर्ड ब्रैनसन ने कहा है कि हाइपरलूप टैक्नोलॉजी को दो से तीन वर्षों में चलाने की योजना है। हमने अपनी मौजूदा तकनीक पर दिसम्बर में टैस्ट किया था जो 387 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर काम करती है, लेकिन हमने इसके काम करने की रफ्तार को 1,000 किलोमीटर प्रति घंटा रखने का टार्गेट सैट किया है। 


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