WhatsApp समेत इन एप्स के लिए TRAI ने जारी किया कंसल्टेशन पेपर

11/13/2018 11:48:04 AM

गैजेट डेस्क- टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI) ने Skype और GoogleDuo जैसी एप्स को रेग्युलेशन के दायरे में लाने के लिए एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। ट्राई ने सभी पक्षों से 10 दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं और टेलीकॉम कंपनियों से सुझाव मिलने के बाद ट्राई इस बारे में कोई पुख्ता कदम उठाएगा। टेलीकॉम कंपनियां इस मुद्दे पर जो भी अपने-अपने सुझाव देंगी उसके बाद रेग्युलेशन लाया जाएगा। कंपनियां इन्हें काफी लंबे समय से रेग्युलेशन के दायरे में लाने की मांग कर रही हैं।

कंपनियों को हो रहा नुक्सान

टेलीकॉम कंपनियों की शिकायत है कि व्हाट्सऐप, गूगल डुओ और स्काईप जैसी सर्विस से उनका नुकसान हो रहा है। ज्यादातर लोग वाइस कॉल और मैसेज के लिए टेलीकॉम कंपनियों की सेवाएं नहीं लेकर एप्स का सहारा लेते हैं, इससे टेलीकॉम कंपनियों को सीधे-सीधे नुकसान होता है। टेलीकॉम कंपनियों को ओटीटी यानी ओवर द टॉप प्लेयर को लेकर भी शिकायत है।

20,000 करोड़ रुपए का नुकसान

इसके पहले टेलीकॉम इंडस्ट्री ने ट्राई के सामने फ्री मेसेंजर सर्विसेज के इस्तेमाल और वॉइस ओवर इंटरनेट कॉल के कारण 20,000 करोड़ रुपए के सालाना नुकसान का आंकड़ा पेश किया था और इन एप्स के इस्तेमाल के लिए अलग से शुल्क के भुगतान की मांग की थी, लेकिन ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों की इस मांग को ठुकरा दिया था। 

ट्राई का बयान 

ट्राई का भी मानना है कि एप्स सर्विस के इस्तेमाल से लोगों ने टेलीकॉम कंपनियों की सर्विस लेना बहुत कम कर दिया है। पहले हर महीने एक यूजर औसतन 27 एसएमएस भेजता था, जोकि अब घटकर 17 हो गए हैं।
 

Jeevan