बॉर्डर की सुरक्षा को बढ़ाएगी नई AI डिटेक्शन टेक्नोलॉजी

11/2/2018 11:00:34 AM

- पल भर में भीड़ की जांच करने में होगी आसानी

गैजेट डेस्क : बॉर्डर चेक प्वाइंट्स पर लोगों की तेजी से जांच करने के लिए नई AI डिटेक्शन टेक्नोलॉजी को तैयार कर लिया गया है। iBorderCtrl नामक इस प्रोग्राम को 6 महीने के लिए ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है। इस दौरान हंगरी, लातविया और ग्रीस के बॉर्डर क्रॉसिंग प्वाइंट्स पर इस नई टेक्नोलॉजी को लगाया गया है, जो लोगों की जांच करने में काफी मदद भी कर रही है।

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कैसे काम करेगी नई तकनीक

  • नए तैयार किए गए इस सिस्टम में यूजर को एक ऑनलाइन एप्लिकेशन को फिल करना होगा, जिसमें पासपोर्ट आदि कुछ डाक्युमेंट्स को अपलोड करने की भी जरूरत पड़ेगी। 
  • चेकिंग के दौरान वर्चुअल बॉर्डर गार्ड आपसे सवाल करते हुए पूछेगा कि सूटकेस में क्या है, सूटकेस को ओपन करें और इसमें क्या है दिखाएं। इस दौरान वेबकैम के जरिए  AI डिटेक्शन टेक्नोलॉजी चेहरे के हाव-भाव को डिटेक्ट करते हुए माइक्रो गेस्चर्स से पता लगा लेगी कि यात्री झूठ बोल रहा है या नहीं। 
  • सच लगने पर एक QR कोड जनरेट होगा जो उसे आगे जाने की अनुमति देगा, वहीं झूठ लगने पर यात्री को बायोमीट्रिक इन्फॉर्मेशन जैसे कि फिंगरप्रिंट स्कैनिंग व फेस मैचिंग करनी होगी।  

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76 प्रतिशत तक सामने आए सही निर्णय

आपको पता दें कि यह तकनीक सिर्फ सच और झूठ का पता लगाने में मदद करेगी, लेकिन इंसान को रोकने के लिए ह्यूमन एजेंट की ही जरूरत पड़ेगी। टेस्ट के दौरान अभी सिर्फ 76 प्रतिशत सफलता दर से नतीजे शो हुए हैं। iBorderCtrl टीम का कहना है कि उन्हें यकीन है कि आने वाले समय में इससे 85 प्रतिशत तक सही निर्णय प्राप्त हो सकते हैं। 


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Hitesh

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