प्रारंभिक ब्रह्मांड से ध्वनि का अध्ययन करेगा साउथ पोल टेलीस्कोप

9/11/2018 1:30:55 PM

- बैकग्राउंड रेडिएशन से जुड़े तथ्यों से पर्दा उठाएगा नया नैक्सट जनरेशन कैमरा

गैजेट डैस्क : वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसे महत्वपूर्ण नैक्सट जनरेशन कैमरे को तैयार किया है जो प्रारंभिक ब्रह्मांड से ध्वनि का अध्ययन करने में मदद करेगा। अंटार्कटिका के साउथ पोल पर स्थित 10 मीटर चौड़े द साउथ पोल टैलीस्कोप में अब ऐसे अल्ट्रा सैंस्टिनव कैमरे को लगाया गया है जो ब्रह्मांड में मौजूद माइक्रोवेव बैकग्राउंड रेडिएशन का विस्तार से पता लगा सकता है। 

- इस कैमरे में 16,000 डिटैक्टर्स को लगाया गया है जोकि पिछले एक्सपैरिमेंट से 10 गुणा ज्यादा बेहतर हैं। यह ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों से बनी माइक्रोवेव बैकग्राउंड रेडिएशन का पता लगाने में मदद करेगा। आपको बता दें कि द साउथ पोल टैलीस्कोप को सिर्फ अंटार्कटिका जैसे स्थान से ही ऑपरेट किया जा सकता है क्योकि यहां उच्च ऊंचाई और असाधारण शुष्क वायुमंडलीय स्थितियां पाई जाती हैं।

खुलेंगे ब्रह्मांड के रहस्यमय पहलू

माना जा रहा है कि इससे ब्रह्मांड के कुछ और रहस्यमय पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी जिसमें डार्क एनर्जी, न्यूट्रीनो कण और गुरुत्वाकर्षण लहरें आदि शामिल हैं। इसके अलावा यह नई तकनीक शुरुआती विशाल आकाशगंगाओं को भी देखने में काफी मदद करेगी जहां सबसे पहले सितारे अस्तित्व में आए थे। वहीं यह उन पार्टिकल्स के बारे में भी पता लगाने में मदद करेगा जिनके बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं है।

क्या है द साउथ पोल टैलीस्कोप 

द साउथ पोल टैलीस्कोप को खास तौर पर ब्रह्मांड में लाइट की तस्वीरों को क्लिक करने के लिए बनाया गया था। जिन्हें कोस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) कहा जाता है। CMB को हम अपनी आंख से नहीं देख सकते और इसके लिए स्पैशल टैलीस्कोप की जरूरत पड़ती है। यह एक थर्ड जनरेशन कैमरा है जो ब्रह्मांड के शुरुआती तथ्यों का निरीक्षण करने के लिए बनाया गया है। 

- आपको बता दें कि द साउथ पोल टैलीस्कोप को 80 वैज्ञानिकों व ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटी के साइटिंस्ट्स मिल कर ऑपरेट करते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इसकी मदद से विस्तार से ब्रह्मांड कैसे काम करता है व इसके बारे में और पता लगाया जा सकेगा। जिससे आने वाले समय में कई तरह के रहस्यों से पर्दा उठेगा। 

Hitesh