चीनी बाजार में प्रवेश के लिए गूगल ने किया मानवाधिकारों को नजरअंदाज

9/15/2018 7:20:13 PM

अमरीका के 16 लॉ मेकर्स ने सुंदर पिचाई को पत्र लिखकर जताई चिंता

गैजेट डेस्क : चीन के बाजार में प्रवेश के लिए गूगल द्वारा विशेष तौर पर बनाया गया ड्रैगन फ्लाई नाम का सेंसर्ड सर्च इंजन विवाद में आ गया है। इंटरनेट पर हो रही गतिविधियों का विश्लेषण करने वाली वेबसाइट द इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के बाद यू.एस.ए. के 16 लॉ मेकर्स ने गूगल के सी.ई.ओ. सुंदर पिचाई को एक पत्र लिखकर ड्रैगन फ्लाई को लेकर चिंता जाहिर की है और गूगल से उसके चीन संबंधी योजना की जानकारी मांगी है। द इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सर्च इंजन में लोगों द्वारा फ्री स्पीच, डेमोक्रेसी, ह्यूमन राइट्स, पीसफुल प्रोटेस्ट, स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट और नोबेल प्राइज जैसे शब्दों को सर्च नहीं किया जा सकेगा। यह सर्च इंजन लोगों के राजनीतिक रुझान और सरकार विरोधी भावना को सरकार तक पहुंचाने का काम भी कर सकता है। गूगल ने यह सर्च इंजन चीन सरकार के नियम व शर्तों के आधार पर बनाया है। यह सर्च इंजन मेनलैंड चाइना में स्थित एक कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर में बनाया जाएगा।

सर्च इंजन का हो रहा विरोध
गूगल के इस सर्च इंजन का मानवाधिकार संगठनों द्वारा यह कहकर विरोध किया जा रहा है कि अपने इस सर्च इंजन के जरिए गूगल अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों के हनन में शामिल हो जाएगा। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को आशंका है कि इस सर्च इंजन के जरिए यूजर्स द्वारा सर्च की जाने वाली सारी जानकारी चीन सरकार और अधिकारियों तक पहुंचेगी, जिसका इस्तेमाल सरकार विरोधी विचारों को दबाने के लिए हो सकता है। इस आशंका को इसलिए भी बल मिला है, क्योंकि चीन के अधिकारी और सताधारी पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता अपने विरोधियों और पत्रकारों को निशाना बनाते रहे हैं।

इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़े सूत्रों के मुताबिक, चीन में एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल करने वाले लोग यदि सरकार द्वारा प्रतिबंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करने के लिए सर्च करेंगे तो उस फोन नंबर के सर्च इंजन के साथ जुड़े होने के कारण ऐसे व्यक्तियों से सरकार द्वारा पूछताछ किए जाने का जोखिम बढ़ जाएगा, क्योंकि गूगल सर्च की सारी जानकारी सरकार के साथ साझा करेगा।
 

प्राइवेसी के लिहाज से यह बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है क्योंकि इस सर्च इंजन के जरिए लोगों की डिटेल्स प्रोफाइल के साथ-साथ उनकी आदतों और व्यवहार की सारी जानकारी का डाटा भी जुटाया जा सकेगा। यदि फोन के साथ सर्च इंजन को जोड़ दिया जाता है तो लोग सरकार की नजरों से बच नहीं पाएंगे।
-सिंथिया वोंग,  सीनियर इंटरनैट रिसर्चर, ह्यूमन राइट्स वॉच

बॉक्स गूगल ने सवालों को किया नजरंदाज
गूगल ने फिलहाल चीन की इस सेंसरशिप योजना को लेकर सार्वजनिक तौर पर स्थिति स्पष्ट नहीं की है और न ही द इंटरसेप्ट द्वारा इस मामले में उठाए गए सवालों का कोई जवाब दिया है। गूगल ने ड्रैगन फ्लाई को लेकर मानवाधिकार संगठनों की चिंताओं को भी नजरंदाज करते हुए उनके साथ किसी भी तरह की वार्ता से इनकार कर दिया है।


 

Jeevan