नए Blood Test से सम्भव होगी पुराने दर्द की पहचान

5/8/2018 10:09:55 AM

- डॉक्टर को ब्लड रिपोर्ट में मिलेंगे दर्द के लक्षण 

- इंसानों व जानवरों के इलाज में होगी आसानी

जालंधर : ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने दुनिया के पहले ऐसे ब्लड टैस्ट को खोज निकाला है जो यह पता लगाने में काफी मदद करेगा कि रोगी का शरीर पुराने किसी दर्द से पीड़ित है या नहीं। आमतौर पर कई बार रोगी डॉक्टर को यह बताने में असमर्थ रह जाता है कि उसे कहां दर्द हो रही है व वह कैसा महसूस कर रहा है जिस वजह से डॉक्टर को सही इलाज करने में समस्या होती है। इस "painHS" नामक ब्लड टैस्ट को लेकर बताया गया है कि यह दुनिया का पहला टैस्ट है जो दर्द से पीड़ित रोगी के बिना बोले भी रिपोर्ट के जरिए दर्द से जुड़े लक्षणों को दिखाएगा जिससे समय रहते बीमारी के बढ़ने से पहले मरीज़ का इलाज कर पाना सम्भव होगा। इस नए टैस्ट का सिडनी में आयोजित फैकल्टी ऑफ पेन मैडिसिन (FPM) इवेंट के दौरान इसी हफ्ते परीक्षण करते हुए खुलासा किया गया है। 

 

तुरंत मिलेंगे रिजल्टस
इस टैस्ट के दौरान पुराने दर्द से पीड़ित मरीज के शरीर से खून निकालकर टैस्ट किया गया है जिसमें इम्यून सैल्स के रंग में बदलाव देखा गया जिससे मरीज पुराने दर्द से ग्रस्त है यह सिद्ध हो गया। इस रिसर्च को लीड कर रहे न्यूरोसाइंटिस्ट मार्क हचिन्सन  (Mark Hutchinson) ने कहा है कि रोगी के दर्द को खत्म करने के लिए यह टैस्ट एक नया रास्ता बन कर सामने आएगा। यह ब्लड टैस्ट बीमारी का इलाज करने में तो मदद करेगा ही साथ ही इलाज करने के लिए सही दवा देने में भी डॉक्टर को मदद मिलेगी। इस टैस्ट के जरिए तुरंत रिजल्ट्स मिलते हैं जिससे समय की बर्बादी नहीं होती है। आपको बता दें कि मार्क हुचिन्सन यूनिवर्सिटी ऑफ ऐडिलेड (University of Adelaide) में काम करते हैं व आस्ट्रेलियन रिसर्च काउंसिल सैंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर नैनोस्केल और बायोफोटोनिक्स के डायरैक्टर हैं।

 

इम्यून सिस्टम को टार्गेट करेगी नई दवा
हचिन्सन ने कहा है कि टैस्ट के जरिए रंग बदलने पर हमे पता लगा है कि रोगी के शरीर में काफी समय से किसी प्रकार का दर्द मौजूद है। इसके अलावा इस टैस्ट के जरिए शरीर में होने वाले दर्द को लेकर भविष्यवाणी भी की जा सकती है। हमने पता लगाया है कि शरीर में ऐसे कई दर्द मौजूद होते हैं जिनमें लागातार दर्द नहीं रहता है लेकिन अब इस टैस्ट के जरिए ऐसे दर्दों का भी पता लगाना सम्भव होगा। 

 

हचिन्सन रिसर्च ने शोध से पता लगाया है कि इम्यून सैल्स शरीर में दर्द होने पर वास्तव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम एक नई तरह की दवा को बनाने में लगे हुए हैं जो पेन किलर होने की बजाए इम्यून सिस्टम को टार्गेट करेगी जिससे रोगी को जल्द ठीक किया जा सकेगा। 

 

18 महीनों में उपलब्ध करने की जानकारी
"painHS" नामक इस ब्लड टैस्ट के लिए खून शरीर के किस भाग से व कितनी मात्रा में लिया जाएगा इसकी कोई जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है। लेकिन इतना जरूर पता लगा है कि इस टैस्ट को करने वाले उपकरण व प्रक्रिया को आने वाले 18 महीनों में उपलब्ध कर दिया जाएगा। 

 

नई संभावनाओं को तलाशने में मिलेगी मदद
माना जा रहा है कि ब्लड टैस्ट से शरीरिक दर्द का पता लगाने के लिए इसे सबसे ज्यादा उपयोग किया जाएगा। वहीं इससे नई संभावनाओं को भी तलाशने में मदद मिलेगी। हुचिन्सन को उम्मीद है कि इस टैस्ट के जरिए वह लोग जो अपने दर्द को साझा करने में बेचैनी, असुविधा, पीड़ा व तकलीफ महसूस करते हैं उनका सही इलाज करने में डॉक्टर को आसानी होगी। इस टैस्ट को जानवरों पर भी किया जा सकता है। हचिन्सन ने कहा है कि यह टैस्ट पशु चिकित्सा उपचार के पूरे क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। 
 

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