दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में लोगों की होती है 'सैल्फी डैथ'

10/5/2018 5:07:20 PM

गैजेट डैस्क : सैल्फी के चक्कर में दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारत के लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। लोग सिर्फ एक सैल्फी के लिए कई बार ऐसी जगाहों पर फोटो खींचने के लिए पहुंच जाते हैं जहां सैल्फी क्लिक करते समय उन्हें जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है। अमरीकी नैशनल लेबोरेटरी ऑफ मेडिसिन ने एक अध्यन कर रिपोर्ट को पब्लिश किया है जिसमें बताया गया है कि कुल मिला कर 259 लोगों की मृत्यु सैल्फी क्लिक करते समय हुई है। 

- रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि मौत के दौरान ज्यादा तर लोग सैल्फी क्लिक कर रहे थे व कुछ तो सैल्फी का हिस्सा बनने की कोशिश में थे। एंड्रॉयड अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक अक्तूबर 2011 से नवम्बर 2017 के बीच भारत में घटनाओं से जुड़ी 50 प्रतिशत मौते सैल्फी क्लिक करते समय हुई हैं। वहीं रूस, अमरीका व यहां तक की पाकिस्तान में यह संख्या भारत से आधी है। यानी भारत में अन्य देशों से दोगुने लोग सेल्फी क्लिक करते समय मर रहे हैं।

इस वजह से भारत में दोगुनी है सैल्फी डैथ्स की संख्या

सैल्फीज़ के दौरान भारत में बढ़ रही मौत का एक कारण यह है कि यहां सबसे ज्यादा जनसंख्या 30 या इससे कम आयु वाले लोगों की है। वहीं दूसरा कारण है कि भारत में ग्रुप सैल्फीज़ का ट्रैंड काफी बढ़ गया है। जिस वजह से लोग ग्रुप का हिस्सा बनते-बनते ही हादसे का शिकार हो जाते हैं। 

ऐसी जगाहों पर हो रही लोगों की मृत्यु 

रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि 259 सैल्फी से जुड़ी मौतें इन मुख्य वजाहों के कारण हो रही हैं। इनमें किसी जानवर के साथ सैल्फी क्लिक करवाते समय, गिरने की एक्टिग करते समय, स्विमिंग पूल में सैल्फी क्लिक करते समय, आग के साथ सैल्फी लेते समय, यात्रा के दौरान सैल्फी क्लिक करते हुए व सैल्फी लेते समय छत से गिरने पर मौतें हो रही हैं।

मरने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक

रिस्की एरिए में सैल्फी क्लिक करवाते समय 115 पुरुषों व 27 महिलाओं की मौत हुई है वहीं 38 पुरुषों व 31 महिलाओं की मौत कम जौखिम में सैल्फी क्लिक करते समय हुई हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि पुरुषों ने ज्यादा जोखिम में सैल्फीज़ को क्लिक किया है जिससे पुरुषों के मरने की संख्या ज्यादा है। 

- एंड्रॉयड अथोरिटी ने इस रिपोर्ट के प्राइमरी ओथर Dr. Agam Bansal से बातचीत के दौरान कुछ आकड़ों का पता लगाया है जिन्हें नीचे दर्शाया गया है। 

वर्ष 2011 से 2013 के बीच 2 मौते हुई थीं।

वर्ष 2014 में सैल्फी से मरने वाले लोगों की संख्या 13 थी।

वर्ष 2015 में इनकी संख्या 50 तक पहुंच गई।

वर्ष 2016 में लगातार बढ़ते हुए इनकी संख्या 98 तक पहुंची।

वर्ष 2017 में इनकी संख्या 93 पाई गई। 

 

इससे भी ज्यादा लोगों के मरने की आशंका

रिसर्चर्स ने बताया है कि सैल्फी क्लिक करते समय मरने वालों की संख्या इससे भी ज्यादा है क्योंकि इनमें ड्राइविंग के दौरान सैल्फी लेते समय जिन लोगों की मौत हुई है व रोड ट्रैफिक एक्सिडैंट्स लिस्ट में दिखाए गए लोग शामिल नहीं है क्योंकि उनके मरने की वजह साफ नहीं हो पाई है।

“no selfie zones” के लगाने चाहिए बोर्ड

आपको बता दें कि सैल्फी से मरने वाली लोगों की संख्या बढ़ती देख कुछ टूरिस्ट्स एरिए हैं जहां “no selfie zones,” के बोर्ड लगाए गए हैं जिनमें उंची बिल्डिंग्स, झीलें, और पहाड़ चोटियों आदि शामिल हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि सैल्फी क्लिक करते समय आपको सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि जरा सी लापरवाही आपकी जान तक ले सकती है। 

Hitesh