प्लेयरअननोन्स बैटलग्राउंड्स (PUBG) गेम प्राइमरी स्कूलों में हुई बैन

1/24/2019 4:22:29 PM

- गुजरात सरकार का बड़ा फैसला

गैजेट डैस्क : गुजरात सरकार ने बच्चों की पढ़ाई की चिंता करते हुए प्लेयरअननोन्स बैटलग्राउंड्स (PUBG) गेम को प्राइमरी स्कूलों में बैन कर दिया है। स्टेट प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने एक सर्कुलर इश्यू किया है जिसमें एजुकेशन ऑफिसर्स को पब्जी गेम को बैन करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ गुजरात पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने इस गेम को लेकर कदम उठाया है। 

पब्जी बैन करने के पीछे का कारण

इस गेम को बैन करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है कि बच्चों को इस गेम की लत लग गई है व ये उनकी सोच पर बुरा असर डाल रही है। वहीं छात्रों का रिजल्ट भी इससे काफी प्रभावित हो रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि PUBG मोबाइल गेम (PUBG Mobile Game) को पिछले साल ही Tencent Games द्वारा लाया गया है जिसे कुछ यूजर्स तो कई-कई घंटे लगातार खेलते हैं।

पब्जी के कारण सोच पर पड़ रहा बुरा असर

इस गेम की लोकप्रियता से लोगों की सोच पर भी काफी असर पड़ गया है। लोग कहीं भी फिर वे चाहे रेल्वे स्टेशन हो या बस स्टैंड इस पब्जी गेम को खेलते हैं वहीं अब तो लोगों ने प्री वैडिंग फोटोशूट भी PUBG थीम पर आधारित ही करवाने शुरू कर दिए हैं। 

प्लेयरअननोन्स बैटलग्राउंड्स से मानसिक बिमारी का शिकार हो रहे यूजर्स

PUBG गेम को खेलते समय जैसे-जैसे यूजर नए-नए लैवल की तरफ बढ़ता जाता है वैसे ही लोगों की मानसिकता पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। लोग कई घंटों तक इस गेम को रोजाना खेल रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि जम्मू के फिटनेस ट्रेनर ने अपना मानसिक संतुलन PUBG गेम को खेलते-खेलते खो दिया। उसने 10 दिन तक लगातार इस गेम को खेला जिसके बाद उसे अब डॉक्टरों द्वारा कुछ देर रैस्ट करने को कहा गया है ताकि वे सामान्य मानसिक स्थिति को पुन:प्राप्त कर सकें। 

PUBG के हैं 20 करोड़ प्लेयर्स

आपको जानकार हैरानी होगी कि PUBG गेम को 20 करोड़ लोग खेलते हैं और इसके इवेंट भी ओर्गनाइज किए जा रहे हैं। हाल ही में गूगल प्ले स्टोर की तरफ से वर्ष 2018 की बैस्ट गेम का दर्जा भी दिया गया है। यह पहली बार है जब PUBG गेम को लेकर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स ने बैन लगाया है। वहीं तमिलनाडु की Vellore इंस्टीच्टूट ऑफ टैक्नोलॉजी ने इस गेम को कैम्पस के अंदर खेलने से बैन करने की घोषणा कर दी है ताकि छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित कर सकें। अब सवाल यह है कि अन्य राज्य कब तक इस महत्वपूर्ण कदम को उठाते हैं। 

Jeevan