Xiaomi और OnePlus स्मार्टफोन यूजर्स के लिए अलर्ट!

2/10/2019 5:34:54 PM

- फोन्स से निकल रहीं खतरनाक रैडिएशन

- हो सकती हैं कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी

गैजेट डैस्क : स्मार्टफोन रोजमर्रा की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। हालांकि स्मार्टफोन से निकलने वाली रेडिएशन सेहत के लिए काफी हानीकारक है फिर भी लोग इस बात को नजर अंदाज करते हुए अधिकाश समय स्मार्टफोन का ही उपयोग करते रहते हैं। हाल ही में एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जो काफी हैरान कर देने वाली है। लोकप्रिय स्मार्टफोन्स पर आधारित एक रिसर्च में पता चला है कि शाओमी और वनप्लस के 2 स्मार्टफोन्स ज्यादा रैडिएशन्स छोड़ रहे हैं जिससे यूजर्स की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। 


इतनी होनी चाहिए SAR वैल्यू
अमरीका में स्मार्टफोन्स को लेकर निर्धारित की गई SAR (स्पैसिफिक अबसोर्पशन रेट) वैल्यू 1.6 वाट्स पर किलोग्राम है और इसी वैल्यू को ही भारत में भी सही माना जाता है, लेकिन फिर भी स्मार्टफोन निर्माता कम्पनियां इस नियम का उल्लंघन कर रही है। 

जारी की गई 16 स्मार्टफोन्स की लिस्ट
डाटाबेस कम्पनी Statista ने 16 स्मार्टफोन्स की लिस्ट जारी कर बताया है कि मार्किट में मौजूद एप्पल, ब्लैकबेरी, गूगल, सैमसंग, LG, मोटोरोला, वनप्लस, शाओमी और ZTE के स्मार्टफोन्स पर रिसर्च किया गया है जिनमें पता लगा है कि शाओमी Mi A1 और वनप्लस 5टी स्मार्टरफोन्स ज्यादा रेडिएशन छोड़ रहे हैं जिससे यूजर को काफी नुक्सान पहुंच सकता है। 

शाओमी और वनप्लस के ये मॉडल शामिल
वर्ष 2017 में लॉन्च किया शाओमी का Mi A1 स्मार्टफोन ज्यादा रैडिएशन पैदा होने वाली लिस्ट में टॉप पर रहा है। वहीं दूसरे नम्बर पर OnePlus 5T स्मार्टफोन ज्यादा रैडिएशन छोड़ रहा है। आपको बता दें कि दोनों ही स्मार्टफोन्स को काफी मात्रा में भारत में खरीदा गया है और लोग इन्हें यूज कर रहे हैं।

इस तरह का हो सकता है नुक्सान
ऐसे कई अध्ययन हुए हैं जो दावा करते हैं कि सेलफोन रैडिएशन मानव के लिए काफी खतरनाक है और यह कैंसर को बढ़ावा देती हैं। यानी  सैलफोन रैडिएशन से यूजर को सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में कम्पनियों को चाहिए कि वे अपने स्मार्टर्फोन की रेडिएशन रेटिंग को निर्धारित की गई SAR वैल्यू के अंदर ही रखें ताकि उनकी सेहत से कोई खिलवाड़ ना हो।

Jeevan