Oneplus लगा रही है प्राइवेसी में सेध, कम्पनी पर बिना परमिशन डाटा चुराने का अारोप

10/15/2017 5:46:57 PM

जालंधरः स्मार्टफोन से सूचनाअों की चोरी व हैकिंग को लेकर विवादों में रहने वाली चाइनीज कंपनियों द्वारा एक बार फिर यूजर्स की प्राइवेसी पर सेंध लगाने की खबर सामने अा रही है। हाल ही में चाइनीज कंंपनी वनप्लस पर अपने यूजर्स का निजी डाटा चुराने का अारोप लगा है। इस बात का खुलासा एक सिक्योरिटी रिसर्चर क्रिस्टोफर मूर ने किया है। टैक वैबसाइट एनगैजेट की जानकारी के मुताबिक, वनप्लस ने 42 देशों तक अपने 6 स्मार्टफोन मॉडल्स को पहुंचा कर वहां के लोगों के डाटा को अपने डाटाबेस में जमा किया है।

 

अपने सर्वर में भेज रही जानकारीः

यूजर्स का डाटा जमा करने के लिए कंपनी ने ओरिजिनल एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को मोडिफाई कर ऑक्सीजन ओएस में बदल दिया। जिससे लोगों के निजी डाटा तक कंपनी ने अपनी पकड़ को और भी मजबूत कर लिया। ऑक्सीजन ऑप्रेटिंग सिस्टम के जरिए वनप्लस ने यूजर के स्मार्टफोन चलाने की जानकारी जैसे यूजर कौन सी एप को ओपन कर यूज कर रहा है, कौन से नैटवर्क से इंटरनैट चला रहा है और कब स्मार्टफोन को अनलॉक किया जा रहा है इसका पता लगाया है। इसके अलावा कंपनी सीरियल नंबर से वनप्लस स्मार्टफोन्स में हो रही गतिविधियों को पर्सनली ट्रैक भी कर रही है।

 

क्या कहती है रिपोर्ट?

यू.के. बेस्ड सिक्योरिटी टैक ब्लॉक के ओनर क्रिस मूर ने एक आर्टिकल पब्लिश किया जिसमें बताया गया कि वनप्लस स्मार्टफोन यूजर की परमिशन के बिना पर्सनल डाटा को कंपनी तक पहुंचा रहा है। चैक करने पर पता लगा कि open.oneplus.net डोमेन उनकी डिवाइस के यूजर डाटा को इकट्ठा कर अमेजान वैब सर्विस पर भेज रहा है। जिसमें फोन नम्बर, MAC अड्रैस और मोबाइल नैटवर्क का नाम आदि शामिल है।


कंपनी ने दी सफाईः

कंपनी द्वारा यूजर्स के डाटा को जुटाने के विवाद से बचने के लिए वनप्लस ने कहा है कि वह सिर्फ यूजर्स के डाटा की दो स्ट्रीम्स को एक्ससैस कर रही है जिसमें से पहली में यूजर्स एनालिटिक्स को एक्सैस किया जा रहा है जो सॉफ्टवेयर को इम्प्रूव करने के काम आएंगे। वहीं दूसरी स्ट्रीम में डिवाइस की इंनफोरमेशन चैक की जाती है जो बिक्री के बाद बेहतर स्पोर्ट देने में कंपनी की मदद करेगी। वनप्लस ने सफाई देते हुए कहा है कि यूजर्स सैटिंग्स में एडवांस में जाकर ’वाइन यूजऱ एक्पीरिएंस प्रोग्राम को ऑफ कर सकते हैं और कंपनी तक डाटा को पहुंचाने से रोक सकते हैं। लेकिन मुद्दे की बात तो यह है कि वनप्लस ने पहले डाटा चोरी करने की मंशा से ग्राहकों तक क्यों स्मार्टफोन पहुंचाए।

 


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