ओडिशा में लोगों ने BSNL का मोबाइल टॉवर खुद ही ठीक कर डाला

8/5/2019 2:44:16 PM

गैजेट डेस्क : आर्थिक दिक्कत से जूझ रही सरकारी दूरसंचार कंपनी BSNL को अक्सर जनता से शिकायत ही नसीब होती है लेकिन ओडिशा राज्य में उसे जनता से सहायता प्राप्त हुई है। बेहतर मोबाइल सिग्नल पाने के लिए पेड़ चढ़ने और पहाड़ पर चढ़ने को मजबूर लोगों ने खुद ही बीएसएनएल का मोबाइल टॉवर खड़ा डाला। 


इस तरह लोगों ने की BSNL की मदद 

 

खण्डमाल ज़िले में फूलबनी ब्लॉक के ददकी पंचायत के अंतर्गत आने वाले 20 गांवों के निवासी अब पहली बार अपने घरों में बिना रुकावट की मोबाइल फ़ोन कनेक्टिविटी की उम्मीद कर रहे हैं। राज्य में सेल फोन सेवाओं की शुरूआत के दो दशक बाद भी, जिला मुख्यालय शहर फूलबनी से बमुश्किल 10 किलोमीटर दूर स्थित दादकी पंचायत में मोबाइल कनेक्टिविटी गायब है।

 

कनेक्टिविटी की मांग करने वाले विरोध प्रदर्शन अक्सर राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा नज़रअंदाज़ और दबा दिए जाते इस तर्क के साथ कि यह मुद्दा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (यहाँ बीएसनएल) के अधिकार क्षेत्र में आता है।

 

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इस साल के शुरू में एक ऐसे आंदोलन के दौरान, फूलबनी बीडीओ सुब्रत कुमार जेना ने बीएसएनएल अधिकारियों के साथ अनौपचारिक चर्चा की और उन्हें मोबाइल टॉवर के संचालन के लिए अपनी बुनियादी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कहा।

 

हालांकि बीएसएनएल के पास माइक्रो बीटीएस था, जो सिग्नल प्रसारित कर सकता था, लेकिन उसके पास टावर खड़ा करने के लिए पर्याप्त धन नहीं था। इसकी इसी फंड्स की कमी को लोगों ने बीडियो सुब्रत कुमार जेना की अपील पर खुद से तरकीब बनाकर यूज़्ड और जंग लगे ट्यूबवेल पाइप्स से ही मोबाइल टावर को खड़ा किया और इसके लिए सब लोगों ने मज़दूरी भी स्वेछा से की। 

 

सभी लोगों की कड़ी मेहनत के बाद एक लो सिग्नल वाला मोबाइल टॉवर खड़ा कर लिया है जिससे लोगों को तीन वर्ष तक की मोबाइल कनेक्टिविटी अब उपलब्ध हो चुकी है। 40 प्रतिशत की मोबाइल कनेक्टिविटी वाले ग्रामीण क्षेत्रीय खण्डमाल को इससे अतिरिक्त मोबाइल कनेक्टिविटी मिलेगी। सरकारी कंपनी को जनता द्वारा मदद विकास और परस्पर सहयोग का एक उम्दा उदहारण है जिससे सभी को सीख लेने की आवश्यकता है। 


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Edited By

Harsh Pandey

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