अब इंटरनैट स्पीड को लेकर नहीं होगा भेद-भाव, नैट न्यूट्रैलिटी को मिली भारत में मंजूरी

7/12/2018 2:39:07 PM

जालंधर : भारत के दूरसंचार विभाग ने आखिरकार नैट न्यूट्रैलिटी के नियमों को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब हर किसी को ऑनलाइन सेवाओं पर बराबर का हक मिलेगा और स्पीड को लेकर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकेगा। अब नैटवर्क प्रदाता इंटरनैट की सेवाओं में कोई भेदभाव नहीं कर पाएंगे और अगर वे ऐसा करते हैं व यूजर को किसी भी तरह की रुकावट का सामना करना पड़ता है तो इसे गैरकानूनी माना जाएगा और इसके लिए जुर्माना लगने के साथ सख्त कार्रवाई होगी।  

 

प्राथमिकता के आधार पर इस फैसले को मोबाइल ऑपरेटर्स, इंटरनैट प्रोवाइडर्स व सोशल मीडिया कंपनियों सभी पर लागू किया गया है। आपको बता दें कि ट्राई ने कुछ समय पहले नैट न्यूट्रैलिटी की सिफारिश की थी जिसके बाद बुधवार को इस सिफारिश को दूरसंचार आयोग ने मंजूरी दी है। 

 

नैट न्यूट्रैलिटी के दायरे से बाहर रखी गई ये सेवाएं

कुछ महत्वपूर्ण सेवाओं को नैट न्यूट्रैलिटी के नियमों के दायरे से बाहर रखा गया है। इनमें ऑटोनोमस ड्राइविंग, टैली मैडिसिन व रिमोट डायग्नोस्टिक सर्विस शामिल हैं। इन सर्विसेज का उपयोग करने के लिए मौजूदा इंटरनैट स्पीड से तेज़ स्पीड की जरूरत पड़ती है। इसी लिए इन सेवाओं को इस सिस्टम से बाहर रखा गया है। 

 

नैट न्यूट्रैलिटी है क्या 

टैलीकॉम कम्पनियां कुछ वैबसाइट्स की फ्री में सर्विस देकर या इंटरनैट की तेज़ स्पीड देकर अन्य कम्पनियों व वैबसाइट्स का रास्ता बंद करना चाहती हैं। लेकिन अब नैट न्यूट्रैलिटी के आने से इंटरनैट की बराबर स्पीड के साथ सभी यूजर्स को इंटरनैट उपयोग करने का बराबर का मौका मिलेगा। 

 

उदाहरण में समझे

इंटरनैट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा स्पीड व वैबसाइट के कंटैट पर नियंत्रण पाना बिलकुल वैसे ही है जैसे बिजली की सप्लाई पर आपसे कहा जाए कि आप बिजली से फ्रिज नहीं चला सकते लेकिन कूलर फ्री में चलेगा। वहीं पंखे की रफ्तर कुछ घंटे चलाने के बाद धीमी हो जाएगी। विभिन्न उपकरणों का इस्तेमाल करने पर बिजली की दर भी अलग-अलग ही लगेगी। यही बात इंटरनैट पर लागू की गई थी। इससे यूजर्स की आजादी टैलीकॉम कम्पनियों के हाथ में थी जिससे छोटे उद्यमियों को काफी नुक्सान भी हो रहा था, लेकिन अब नैट न्यूट्रैलिटी के आने से इंटरनैट उपयोगकर्ताओं को काफी फायदा होगा। 

Hitesh