30 सैकेंड में फुल चार्ज होगी दुनिया की पहली Hybrid Aqueous Battery
3/4/2018 10:26:33 AM

जालंधर : रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग में लाई जाने वाली ज्यादातर डिवाइसिस में लिथियम-आयन बैटरीज का यूज होता है, लेकिन इन्हें चार्ज करने में कई घंटों का समय लगाता है जिससे काफी परेशानी होती है। इसी बात पर ध्यान देते हुए नई हाईब्रिड अक्यूस बैटरी को विकसित किया गया है जो मौजूदा तकनीक से सुरक्षित होने के साथ ज्यादा पावर को स्टोर कर सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बैटरी को महज 20 से 30 सैकेंड में 0 से फुल चार्ज किया जा सकता है यानी यह शोधकर्ताओं के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।
इस तरह डिवैल्प हुई बैटरी की नई तकनीक
बैटरी की इस नई तकनीक को दक्षिण कोरिया की कोरियन एडवांस इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। इसमें बैटरी के एनोड व कैथोड के बीच लीक्विड इलैक्ट्रोलाइट को सैंडविच की तरह डिजाइन किया गया है।
बैटरी के एनोड को ग्रेफाइट से बनाए गए पालीमर चेन मैटीरियल से तैयार किया गया है जिसमें ज्यादा एनर्जी यानी बिजली को स्टोर किया जा सकता है। वहीं इसके विपरीत कैथोड मैटीरियल को निकल ऑक्साइड नैनो पार्टिकल्स से बनाया गया है जिन्हें ग्रेफीन के साथ फिक्स किया गया है।
स्टोर होगी ज्यादा पावर
इन मैटीरियल्स से यह नई बैटरी बहुत ही कम समय में ज्यादा मात्रा में एनर्जी को स्टोर करती है व इस दौरान एनर्जी लॉस भी नहीं होता है। जानकारी के मुताबिक इस बैटरी को 100,000 बार चार्ज करने पर भी यह खराब नहीं होगी और पूरी कैपेसिटी यानी पुरानी होने पर भी 100 प्रतिशत तक पावर को स्टोर करेगी।
सफल रहा टैस्ट
हाईब्रिड अक्यूस बैटरी की निर्माता टीम ने इस तकनीक से बनाए गए दो बैटरी सैल्स को आपस में जोड़ कर एक LED पर टैस्ट किया है जिसमें उम्मीद के मुताबिक परिणाम प्राप्त हुए और यह सफल रहा। इस अध्ययन के सह-लेखक जीयूंग कू कंग ने कहा है कि यह मौजूदा तकनीक से ज्यादा क्षमता व लम्बे समय तक उपयोग में लाई जा सकेगी। इसे आने वाले समय में ज्यादातर इलैक्ट्रोनिक्स डिवाइसिस में देने की योजना है। उम्मीद की जा रही है कि यह तकनीक डिवाइसिस को और बेहतर बनाने के काम आएगी।