Facebook और Twitter फर्जी खबरों को रोकने में चुनाव आयोग की करेंगे मदद

10/1/2018 12:53:07 PM

गैजेट डेस्क- फर्जी खबरों के कारण चुनावों को प्रभावित होने से रोकने के लिए सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर और फेसबुक ने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया है कि चुनावों को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज के लिए वे अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं होने देंगे। इस बात की जानकारी मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत ने दी है। इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि उक्त कंपनियों ने आयोग को यह भरोसा भी दिलाया है कि राजनीतिक विज्ञापनों के साथ उन पर खर्च राशि का ब्योरा भी होगा ताकि प्रचार अवधि के दौरान के व्यय का हिसाब लगाया जा सके। 

नई प्रणाली

गूगल एक ऐसी प्रणाली तैयार करेगी जिससे यह अपने प्लेटफॉर्मों पर खर्च के बारे में डाली गई जानकारी चुनाव आयोग के साथ साझा कर सके। मीडिया प्लेटफॉर्मों के विस्तार और विविधता को देखते हुए जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 में संभावित बदलावों पर विचार करने के लिए सिन्हा के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया था।


समिति

रावत ने कहा कि वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा के नेतृत्व में एक समिति ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के क्षेत्रीय और स्थानीय प्रमुखों को बुलाया था और उनसे पूछा था कि फर्जी खबरों के प्रभावों को रोकने और मतदाताओं को लक्षित कर डाले गए संदेशों से बचने के साथ भारतीय चुनावों के लिए वो क्या कर सकते हैं उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी ने प्रतिबद्धता जताई है कि प्रचार अवधि के दौरान और मतदान समाप्त होने से पहले के 48 घंटे के दौरान वे ऐसी कोई चीज नहीं होने देंगे जो इन प्लेटफॉर्मों पर समान अवसर दिए जाने की प्रक्रिया पर विपरीत असर डालती हो। उन्होंने वादा किया है कि चुनावों से जुड़ा कुछ भी उनके प्लेटफॉर्मों पर डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’’


 

Jeevan