फेक न्यूज को लेकर Facebook ने उठाया सख्त कदम, बंद किए सैकड़ों पेज और अकाउंट

2/1/2019 4:05:31 PM

गैजेट डेस्कः फेसबुक का इस्तेमाल फेक न्यूज और राजनीतिक मकसद से गलत अफवाहें फैलाने के लिए काफी होता रहा है। इस वजह से फेसबुक को काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है। साथ ही, इसकी विश्वसनीयता भी खतरे में पड़ती जा रही है। इसे देखते हुए फेसबुक ने अब कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं। आज ही फेसबुक ने यह घोषणा की है कि उसने 900 पेज, ग्रुप और अकाउंट्स को हटा दिया है, जो ईरान और इंडोनेशिया से चलाए जा रहे थे। इन पेजों, ग्रुप्स और अकाउंट्स को झूठी पहचान के साथ ऑपरेट किया जा रहा था। इनके जरिए जो पोस्ट की जा रही थीं, उन्हें इस रूप में पेश किया जा रहा था मानो वह ईरान के स्टेट मीडिया द्वारा जारी की गई हो। इसे खास तौर पर मिडल ईस्ट और दक्षिण एशिया के यूजर्स को टारगेट कर जारी किया जा रहा था। फेसबुक का कहना है कि इनके जरिए फेक न्यूज फैलाई जा रही थी और यह सब 2010 से ही चल रहा था। 

इंस्टाग्राम अकाउंट भी हटाए
फेसबुक ने इंस्टाग्राम से भी 162 अकाउंट हटाए हैं। जिन पेजों को हटाया गया है, उनमें से कम से कम एक पेज के 20 लाख फॉलोअर थे और ग्रुप्स से करीब 1600 अकाउंट जुड़े हुए थे। इंस्टाग्राम के एक अकाउंट के तो 2 लाख, 54 हजार फॉलोअर थे। इन अकाउंट्स के जरिए 30,000 डॉलर (करीब 2140557 रुपए) विज्ञापनों पर खर्च किया गया था। इनके द्वारा करीब आठ इवेंट होस्ट किए गए थे, जिनमें सबसे पहला मई 2014 और आखिरी मई 2018 में किया गया था। 

कई देशों के नाम पर थे फेक अकाउंट
इन अकाउंट्स के जरिए अफगानिस्तान, अल्बानिया, अल्जीरिया, बहरीन, इजिप्ट, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, कतर, सऊदी अरब, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, सूडान, सीरिया, ट्यूनिशिया, अमेरिका और यमन से संबंधित कंटेंट जारी किया रहा था और अकाउंट चलाने वाले अपने आप को इन देशों के निवासी के तौर पर पेश करते थे। 

क्या कहा फेसबुक साइबर सिक्युरिटी हेड ने
फेसबुक के साइबर सिक्युरिटी पॉलिसी हेड नैथेनियल ग्लिचर (Nathaniel Gleicher) का कहना है कि कंटेंट को लेकर इन अकाउंट्स को नहीं हटाया गया है। उन्होंने कहा कि इन्हें इसलिए हटाया गया, क्योंकि ये इंडिपेंडेट न्यूज आउटलेट के रूप में अपने को पेश कर रहे थे और ये फेक अकाउंट थे। फेसबुक ने कहा कि ये सारे अकाउंट ईरान से ऑपरेट किए जा रहे थे। इन अकाउंट्स के जरिए किए जा रहे पोस्ट्स में इजरायल और फिलीस्तीन के विवाद के साथ ही सीरिया और यमन के मुद्दों को गलत तरीके से उठाया जा रहा था। साथ ही अमेरिका, रूस और सऊदी अरब को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थीं। 

कैसे हासिल की जानकारी
फेसबुक का कहना है कि उसने अपने इंटरनल इन्वेस्टिगेशन सिस्टम के जरिए इनका पता लगाया और इसके अलावा ट्विटर के जरिए भी इनकी जानकारी हासिल की। ग्लिचर का यह भी कहना है कि ये सारी जानकारी अमेरिकी कांग्रेस और संबंधित देशों की लॉ एनफोर्समेंट ग्रुप्स के साथ साझा की गई है। 

Jeevan