नौ साल के माधव ने बनाया बच्चों को तनाव से राहत दिलाने वाला App

1/28/2020 5:00:54 PM

नई दिल्ली: बढ़ते बच्चों में भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक बदलाव होते हैं और उन्हें रोजाना काफी बेचैनी और तनाव झेलना पड़ता है। हालांकि इस हालात में बहुत से बच्चे अपने मन की बात किसी को कह नहीं पाते। इससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इस स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली के नौ वर्ष के बच्चे माधव अग्निहोत्री ने डिस्ट्रेस बडी ऐप बनाई है। यह ऐप बेचैनी भरे हालात से उबरने के लिए जरूरत पडऩे पर पेशेवरों से जुडऩे में बच्चों की मदद करता है। माता पिता के लिए बच्चों में मूड के बदलाव को समझना मुश्किल है। वह अक्सर इस तरह के हालात में अपने बच्चों को ही डांटते हैं। इससे बच्चा अपने मन की बात और भावनाओं को कह नहीं पाता। इससे वह बेचैनी और तनाव का शिकार हो जाता है। जब माधव व्हाइट हैट जूनियर प्लेटफॉर्म पर कोडिंग सीख रहे थे तो उन्होंने अपनी बहन को हायर स्टडीज के कारण तनाव से गुजरते देखा था। 

बच्चों को तनाव से निजात पाने में मिलती है मदद
माधव ने सोचा कि अपने ज्ञान का उपयोग एक ऐसा ऐप बनाने में करना चाहिए, जिससे वह अपनी बहन की मदद कर सके और दूसरे बच्चे भी तनाव या बेचैनी के हालात में प्रोफेशनल की सलाह लेकर खुद को ऐसे तनाव से मुक्त रख सकें। एक बार लॉग इन करने पर इस ऐप पर तनाव दूर करने की एक्सरसाइज, क्विज और हौसला बढ़ाने और प्रेरणा देने वाले संदेश मिलते हैं, जिससे बच्चों को तनाव से निजात पाने में मदद मिलती है। इस ऐप में प्रोफेशनल मनोवैज्ञानिकों की भी जानकारी दी गई है। इसके अलावा इसमें महत्वपूर्ण हेल्पलाइऩ नंबर भी दिए गए हैं, जिनका जरूरत पडऩे पर बच्चे और उनके माता-पिता, दोनों, उपयोग कर सकते हैं। व्हाइट हैट जूनियर के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी करण बजाज ने कहा कि आज के समय में बच्चे सामाजिक मुद्दों या समस्याओं पर काफी जागरूक हैं। वह इन परेशानियों का हल निकालने में अपने ढंग से योगदान देना चाहते हैं। 


डिजिटल ऐप डालेंगे दुनिया पर काफी गहरा असर 
बच्चों को कोडिंग सिखाने से न केवल उनमें सोच विकसित होती है,बल्कि इससे उनमें किसी समस्या और परेशानी को हल करने का कौशल भी आता है। इससे बच्चों में तकर्पूर्ण और किसी तथ्य का विश्लेषण करने की क्षमता में सुधार आता है। इससे उनमें रचनात्मकता और एकाग्रता भी बढ़ती है। 6 साल की उम्र के बच्चे अपने को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए कोडिंग सीख सकते हैं। हम माधव जैसे बहुत से बच्चों को वाकई कुछ क्रिएटिव करते और उनको काफी उपयोगी डिजिटल ऐप बनाते देख रहे हैं, जो दुनिया पर काफी गहरा असर डालेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी ने एक प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें टॉप के एक फीसदी बच्चों को कंपनी के खर्च पर अपने एक अभिभावक के साथ अमेरिका की सिलिकॉन वैली का दौरा करने का मौका मिलेगा। वहां जाकर उन्हें शीर्ष कारोबारियों और निवेशकों से मिलने का अवसर मिलेगा। कंपनी जल्द ही 15 अंडर 15 फैलोशिप प्रोग्राम शुरू कर रही है, जिसमें टॉप 15 बच्चों को व्हाइट हेड जूनियर की ओर से इस प्लेटफॉर्म पर अपने स्टाटर्अप शुरू करने का मौका मिलेगा। इन प्रतिभाशाली बच्चों को 15 हजार रुपये की फैलोशिप भी प्रदान की जाएगी। 

Edited By

Anil dev