Coronavirus ने किया INTERNET को प्रभावित, संदिग्ध लिंक से हैकर्स चुरा सकते हैं आपका डेटा

2/1/2020 12:02:09 PM

गैजेट डैस्क: कोरोना वायरस की चल रही मीडिया कवरेज का हैकर्स फायदा उठा रहे हैं और वे इसका उपयोग हैकिंग एक्टिविटी को अंजाम देने के लिए करने लगे हैं। साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ये हैकर वायरस वाले लिंक भेजते हैं जिन्हें यूजर कोरोना वायरस से जुड़ी खबर या उससे बचने के तरीके बताने वाला आर्टिकल समझ कर ओपन कर देते हैं, जिससे उनका कम्पयूटर या स्मार्टफोन हैकिंग अटैक का शिकार हो जाता है।

पॉप्युलर PDF या MP4 जैसे फॉरमैट्स का किया जा रहा इस्तेमाल

हैकर्स द्वारा भेजे जा रहे इन फर्जी लिंक्स को मलीशियस कोड्स से तैयार किया गया है। जैसे ही यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है तो बड़ी आसानी से यूजर के फोन का ऐक्सैस हैकर्स के हाथ में लग जाता है जिससे वे डेटा को कॉपी कर सकते हैं। कोरोना वायरस से जुड़े ये फर्जी फोटो, वीडियो या पोस्ट असली लगे इसके लिए हैकर PDF या MP4 जैसे पॉप्युलर फॉरमैट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

क्या है ऐनालिस्ट की राय

Kaspersky के मालवेयर एनालिस्ट Anton Ivanov ने बताया है कि कोरोना वायरस आजकल लीडिंग न्यूज स्टोरी में टॉप पर है ऐसे में हैकर्स इसी का गलत फायदा उठा रहे हैं। ऐनालिस्ट ने आगे बताया कि हमने ऐसी 10 फाइल्स की पहचान की है जो कोरोना वायरस के नाम पर यूजर्स के डेटा को चोरी कर रही थीं। कोरोना वारस को लेकर लोगों में डर है और वे इससे बचने के तरीकों को जानने के लिए अनजाने में ऐसे फेक डॉक्युमेंट्स को डॉउनलोड कर रहे हैं जिनमें मैलवेयर छिपा हुआ है।

अड्रेस लिंक पर जरूर दें ध्यान

मैलवेयर से प्रभावित लिंक की पहचान करने के लिए अड्रेस लिंक के आखिर में दिए गए एक्सटेंशन पर ध्यान देने की आपको जरूरत है। अगर लिंक एक्सटेंशन .docx, .pdf या .mp4 है तो इस बात की काफी आशंका है कि वह वायरस इंफैक्टेड लिंक हो सकता है। इसी तरह .exe या .Ink फॉरमैट्स से भी यूजर्स को बच कर रहने की जरूरत है।

 

Hitesh