2000-15 के बीच दुनियाभर में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल दोगुने से अधिक बढाः शोध

2018-03-29T04:55:10.77

जालंधरः पीएनएएस जर्नल में छपे अध्ययन के मुताबिक, साल 2000 से 2015 के बीच भारत में एंटीबायोटिक दवाअों के इस्तेमाल में दोगुने से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। बतौर अध्ययन, एंटीबायोटिक के बढते इस्तेमाल के कारण ई, कोलाई( छोटी अांत में संक्रमण), स्टेप थ्रोट( गले में घाव), नमोनिया और टीबी जैसी संक्रामण बीमारियो के कारण इलाज में मुश्किलें बढती ही जा रही है। 

 

बता दें कि दवा प्रतिरोधी संक्रमण के कारण दुनियाभर में हर साल 5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है और इसके बढ़ने का प्रमुख कारण एंटीबायोटिक दवाओं का अनियंत्रित इस्तेमाल है। एंटीबायोटिक दवाइयां सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा बनाई जाती हैं जो दूसरे-जीवाणुओं को मार देती हैं। इससे आपको तुरंत आराम मिलता है। लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं को लेते समय कुछ बातों को ध्‍यान में रखना बहुत जरूरी होता है। 
सबसे पहले दवा को पूरी तरह प्रभावशाली करने के लिए दवाओं को ठीक प्रकार से लेना बहुत जरूरी होता है।  
 


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