ऑस्ट्रेलिया की एंटी-ट्रस्ट बॉडी को नहीं है सोशल मीडिया कंपनियों पर विश्वास , जानिये क्या है वजह

7/27/2019 4:35:08 PM

गैजेट डेस्क : ऑस्ट्रेलिया ने पिछले अप्रैल में एक बिल पारित किया था जिसके तहत उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दण्डनात्मक कार्यवाही करने का प्रावधान रखा गया था जो कि अपने प्लेटफार्म से हिंसात्मक कंटेंट हटाने में विफल रहती। अब इसी सिलसिले में अगला कदम उठाते हए देश की एंटीट्रस्ट बॉडी ने इन टेक मेगा कंपनियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए एक स्पेशल यूनिट बनाने का फैसला लिया है। 

ऑस्ट्रेलियन कंस्यूमर एंड कंस्यूमर कमीशन की 623 पृष्ठ वाली रिपोर्ट में शामिल 23 सुझावों में से एक सुझाव यह भी है। यह रिपोर्ट टेक मेगा कंपनियों की "देश में प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यव्हार" विषय के ऊपर बनाई गई है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक कमीशन के अधीन यह विशेष सतर्कता इकाई इस बात पर नज़र रखेगा कि कैसे यह टेक कम्पनियाँ अल्गोरिथम का इस्तेमाल कर यूज़र्स को विज्ञापनों के साथ गलत तरीके से मैच करती है। 

ACCC ने अपनी रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलिया सरकार को दिए है यह सुझाव 

ऑस्ट्रेलियन कंस्यूमर एंड कंस्यूमर कमीशन यानी ACCC ने एक नए कोड ऑफ़ कंडक्ट बनाने की भी वकालत की है। इस कोड ऑफ़ कंडक्ट से कंस्यूमर्स को यह पता करने और यह नियंत्रण करने का अधिकार प्राप्त होगा कि उनके कौन से डाटा को लिया गया है और उसका किस तरह का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

ACCC ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि उसे ऑस्ट्रेलिया प्राइवेसी एक्ट में बदलाव करने की ज़रुरत है। इसके अतिरिक्त उसने सरकार से एक स्कीम लाने की भी अपील की है जिससे कंस्यूमर्स इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवा पाएंगे। इस पूरी रिपोर्ट को तैयार करने में कमीशन को 18 महीनो का समय लगा जिस दौरान उसने तमाम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की गतिविधियों का अध्ययन किया। 

रिपोर्ट में यह निष्कर्ष सामने आया है कि मौजूदा प्राइवेसी एक्ट इन डिजिटल कंपनियों को बिना सहमति के कंस्यूमर्स के निजी डाटा को कलेक्ट करने और उसे विभिन्न तरीको से इस्तेमाल करने का अधिकार देता है जिसका कि यूज़र्स को पता भी नहीं होता। आपको याद दिला दें कि अमेरिका के फ़ेडरल ट्रेड डिवीजन ने फेसबुक पर डाटा प्राइवेसी लीक करने चलते $ 5 अरब का जुर्माना लगाया है।  

Edited By

Anil dev