भारत में बनेंगे महाशक्तिशाली सुपर कम्प्यूटर, सी-डैक व फ्रांस के एटोस के बीच हुआ समझौता

12/16/2018 12:17:18 PM

गैजेट डेस्क: भारत के सैंटर फॉर डिवैल्पमैंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) ने फ्रांस की आई.टी. सेवा कंपनी एटोस के साथ उसके उच्च क्षमता वाले महाशक्तिशाली सुपर कम्प्यूटर बुल सेक्यूआना का भारत में डिजाइन करने तथा यहीं उसका निर्माण और स्थापना करने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। अनुबंध पर सी-डैक के महानिदेशक हेमंत दरबारी तथा एटोस के मुख्य परिचालन अधिकारी (बिग डाटा एंड सिक्योरिटी) पियरे बर्नाबे ने करार पर दस्तखत किए। इस मौके पर फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां येवेस द्रियां तथा भारत सरकार के इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव अजय प्रकाश साहनी मौजूद थे।

PunjabKesari

फ्रांसी मंत्री ने कहा कि इस समझौते से हमारे द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी है और हम ऐसे 2 देश हैं जहां बड़े नवप्रवर्तन हो रहे हैं। यह सचाई है कि सुपर कम्प्यूटर आज की जरूरत है, यह कोई विलासिता की चीज नहीं है। हम कहते आ रहे हैं कि 21वीं सदी में डाटा की वही स्थिति है जो 20वीं सदी में तेल की थी। हम बड़े पैमाने पर डाटा का उपयोग कर रहे हैं, इससे नैतिकता के सवाल खड़े हुए हैं। भारत और फ्रांस के आपसी हित न केवल जुड़े हुए हैं बल्कि दोनों देश इस बात को बड़ा मान देते हैं कि प्रौद्योगिकी का प्रयोग मानव की भलाई के लिए हो। एटोस को यह अनुबंध नैशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन के तहत दिया गया है। 

4500 करोड़ की हुई डील
दोनों देशों के बीच हुए इस डील की कुल राशि 4500 करोड़ रुपए है। इस योजना का मकसद विभिन्न शैक्षणिक और शोध संस्थानों के लिए 70 से अधिक उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कम्प्यूटिग सुविधाओं का नैटवर्क सृजित करना है। सुपर कम्प्यूटर बुल सेक्यूआना की आपूर्ति अगले साल की शुरूआत में होने की उम्मीद है। 

PunjabKesariग्लोबल लीडर बनेगा भारत
इस समझौते का मकसद नैशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन के तहत भारत को डिजीटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाना है। भारत ने नैशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन की शुरूआत 2015 में की थी। केन्द्र सरकार की यह एक दूरगामी परियोजना है। देश की तरक्की में इसके बेहद महत्वपूर्ण प्रभाव होंगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jeevan

Recommended News

Related News

static