TRAI V/S Apple: स्मार्ट डिवाइसिस में शामिल हो सकती हैं डू-नॉट डिस्टर्ब APP

7/24/2018 11:08:53 AM

जालंधर :  देश में बढ़ रही स्पैम कॉल्स व टैक्स्ट मैसेजिस पर नियंत्रण पाने के लिए टैलीकॉम रैगुलेटरी अथौरिटी ऑफ इंडीया ने नई पॉलिसी पेश की है जिसके तहत सभी स्मार्ट डिवाइसिस में TRAI की डू-नॉट डिस्टर्ब एप को शामिल किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो सैलुलर नैटवर्किंग कम्पनियां उस कम्पनी की डिवाइस में नैटवर्क देना बंद कर देंगी। इससे एप्पल को भारत में बहुत बड़ा नुक्सान हो सकता है। एनगैजेट की रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल छह महीनों में अपनी डिवाइसिस में TRAI की एप को शामिल कर सकती है।

 

एप्पल का कहना है कि इस एप से आईफोन यूजर्स की काल्स और मैसेजिस लोग्स को एक्सैस किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक अपने यूजर्स की प्राइवेसी का हवाला देते हुए एक वर्ष से इस एप को अपने आईफोन्स में देने को लेकर एप्पल मना करती आई है, लेकिन अब इसे शामिल करने की नौबत आ गई है। 

 

क्या था पूरा मामला  

इससे पहले एक रिपोर्ट में TRAI ने कहा था कि अगर एप्पल ने उसका कहा नहीं माना तो इस कदम से भारत में बड़ी संख्या में यूजर्स के प्रभावित होने की सम्भावना है। एंड्रॉयड यूजर्स के लिए इस एप को प्ले स्टोर पर उपलब्ध कर दिया गया है, लेकिन एप्पल पहले से ही ट्राई की एप को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल करने की बजाय खुद तैयार की गई इन हाऊस एप को देने का ऑफर कर रही है। 

क्यों जरूरी है यह एप 

इस एप को TRAI स्पैम काल्स व मैसेजिस के मुद्दे का मुकाबला करने के लिए लाई है। इस एप पर रजिस्टर करने के बाद यूजर स्पैम मैसेजिस व कॉल्स को लेकर आसानी से रिपोर्ट कर सकते हैं। ऐसा करने पर सरकार के डाटाबेस में यह स्पैम नम्बर चढ़ जाता है जिसके बाद जांच कर उस नम्बर को ब्लॉक किया जाता है।

Hitesh