भारत में 5G तकनीक आने में हो सकती है 5-6 सालों की देरी

9/23/2019 10:57:18 AM

गैजेट डेस्क : 5G तकनीक जो विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ रही है लेकिन भारत में जनता तक पहुंचने के लिए कम से कम 5-6 साल लग सकते हैं। इसके पीछे सरल कारण है कि 5 जी स्पेक्ट्रम आवंटन अभी भी फुल टेस्टिंग के लिए जगह नहीं ले पा रहा है।

 

आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक, स्पेक्ट्रम की नीलामी इस कैलेंडर वर्ष में होगी और मंत्रालय द्वारा आवंटित रेडियो वेव्स  के साथ 5 जी सेवाओं के लिए टेस्टिंग अगले 100 दिनों में शुरू हो जाएगी। यदि देखा जाए तो चीजें वर्तमान में जैसे आगे बढ़ रही हैं उससे स्पेक्ट्रम आवंटन के सफल होने की उम्मीद बेहद कम है। 

 


नील शाह ने बताया क्यों हो सकती है 5G आने में देरी 

 

 

 

पूरे 5G इकोसिस्टम में , जिसमें ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफक्चरर्स (ओईएम), इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पेक्ट्रम और एज डिवाइसिस शामिल हैं वर्तमान में गायब है।  और ऐसे परिदृश्य में, विभिन्न 5G- इनेबल्ड डिवाइसिस भारतीय कस्टमर्स के लिए निरर्थक हैं। काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर नील शाह ने कहा, '' हम उम्मीद करते हैं कि 2023 में 5G भारत में मुख्यधारा तक पहुंचेगा और 2025 या इससे पहले बड़े पैमाने पर बाजार में आ जायेगा।''

 

 

यद्यपि भारत 5G तकनीक के 2020 तक आगमन के लिए तैयारी कर रहा है , लेकिन देश को उपयोग के मामलों के 5G टेस्टिंग के लिए भी ऑपरेटरों को 5G स्पेक्ट्रम आवंटित करना बाकी है। व्यक्तिगत स्तर पर, 5G टेस्टिंग धीरे-धीरे एरिक्सन, नोकिया, इंटेल और हुआवेई जैसी बड़ी टेक कंपनियों द्वारा किया जा रहा और जिनका लक्ष्य भारत में 5G  तकनीक की ओर निवेश करना है।

Edited By

Harsh Pandey