गूंगे और बहरे लोगों के लिए कम्यूनिकेशन को आसान बनाएगा SignAloud !

5/9/2016 3:14:45 PM

जालंधर: यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में दूसरे साल की पढ़ाई कर रहे 2 विद्यार्थियों ने एक ऐसा प्राजैकट शुरू किया है जो गूँगे और बहरे लोगों के लिए कम्यूुनीकेशन को बहुत आसान बना देगा। इनकी तरफ से सिगनलाऊड नाम के दस्ताने बनाए गए हैं। इन दस्तानों में सैंसर्स लगे हैं जो कि हाथों की मूवमैंट को पहचान कर अमेरिकन साईन लैंग्वेज की मदद के साथ, इस को स्पीच और टेक्स्ट में बदल देते हैं, जिस के साथ आम लोगों के लिए उन की बात समझना आसान हो जाता है। 

इसको बनाने वाले दो विद्यार्थी नवीज़ अज़ोदी और थामस प्रायर ने इन दस्तानों को तैयार करने के लिए को-मोशन मेकरस्पेस को चुना जो कि यूनिवर्सिटी कैंपस में एक वर्कशाप है। इन दोनों विद्यार्थियों को इस प्राजैक्ट के लिए लैमिलसन एम. आई. टी. स्टूडैंट प्राईज़ भी दिया गया है। 

इस तरह करते हैं काम: 

सिगनलाऊड दस्ताने सैंसर्स की मदद के साथ हाथों की मूवमैंट और पोजिशंस की डिटेल को ब्लूटूथ की मदद के साथ कंप्यूटर को भेजते हैं, जहाँ यह सिगनल अमेरिकन साईन लैंग्वेज के साथ उन इशारों को मिला कर स्पीच या टैकट के रूप में परिणाम देते हैं। यह हल्के हैं और आम यूज होने वाले प्रोडक्ट की तरह इस्तेमाल किए जा सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

static