मेक इन इंडिया के नाम ''पर वायरल हो रही है 4 साल पुरानी वीडियो !
2/24/2016 12:06:31 PM

जालंधर: आजकल सोशल साईट पर यह वीडियो बहुत वायरल हो रही है और इस को मोदी सरकार का मेक इन इंडिया प्राजैकट कहा जा रहा है और बताया जा रहा है कि इस को दिल्ली जैसे महानगर में प्लांट किया गया है। पहली बार में देखने में लगता है कि सत्य ही एक आलू मशीन में जा कर पैक हुए चिप्स के रूप में वापिस आता है।
आपको बता दें कि यह कॉंसेप्ट मेक इन इंडिया का नहीं है और न ही सरकार इस तरह की कोई टैकनॉलॉजी डिवैल्प कर रही है। यह कॉंसेप्ट 4-5 साल पुराना है और मशहूर चिप्स निर्माता कंपनी लेज ने इस को एक नए तरीको की ऐडवरटाईज़मैंट के लिए शुरू किया था। कंपनी का कहना था कि चिप्स को आलू, वेजिटेबल ऑयल और नमक के साथ बनाया जाता है और क्यों न लोगों को बताया जाएं कि उन को जो प्राडक्ट कंपनी प्रोवाईड करवाती है वह एक दम फ्रेश होता है।
हालाँकि यह मार्किटिंग का विधि कंपनी के लिए घाटे का सौदा था क्योंकि 2011 में कंपनी ने इस के प्रोटोटाइप पर 40000 डालर (उस समय के हिसाब के साथ लगभग 18,40,000 रुपए) ख़र्च किए थे परन्तु नतीजे के उलट, कंपनी का यह कॉंसेप्ट पैसो की जगह आलू को मशीन में डालना लोगों को पसंद नहीं आया। अब इस को मेक इन इंडिया का नाम दिया जा रहा है, जिस को हमारे हिसाब के साथ अगर मेक इन इंडिया कहें तो गलत नहीं होगा।