फेसबुक यूजर्स की फोटोज चेक कर रहे विप्रो के वर्कर्स

5/7/2019 4:14:13 PM

नई दिल्लीः आपको यह बात जानकर थोड़ा अजीब जरूर लगेगा कि आपकी फेसबुक फोटोज 250 लोगों की टीम देख रही है? हैदराबाद में 250 से ज्यादा लोगों की टीम फेसबुक यूजर्स के फोटोज को फिल्टर कर रही है और देखने के साथ ही पांच कैटिगरीज में रखते हुए समझ रही है कि आपने वह फोटो क्यों पोस्ट की थी, क्या वह कोई सेलिब्रेशन था, मजाक था या कोई बड़ा लाइफ इवेंट था। ये कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स 2014 के बाद से ही पोस्ट की गई फोटोज को देख रहे हैं और पिछले एक साल से उन्हें लेबल कर रहे हैं।

लंबे वक्त से चल रहे इस प्रॉजेक्ट का जिक्र रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में किया है। फेसबुक की ओर से काम कर रही फर्म Wipro के कई कर्मचारी फोटोज से जुड़ी जानकारी जुटा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक ने भी बाद में इस प्रॉजेक्ट को कन्फर्म किया है। हालांकि, विप्रो की ओर से कोई कॉमेंट करने से इनकार कर दिया गया है। वहीं, फेसबुक ने कहा कि जरूरत के हिसाब से विप्रो कंपनी से 200 कंटेंट लेबलिंग प्रॉजेक्ट्स करवाए जा रहे हैं, जिनमें से एक यह भी है।

फेसबुक की मानें तो ऐसे कंटेंट लेबलिंग प्रॉजेक्ट अक्सर चलते ही रहते हैं और इसका मकसद फोटोज की मदद से यूजर का बिहेवियर समझना होता है। फेसबुक कई पोस्ट और स्क्रीनशॉट्स के अलावा कॉमेंट्स को भी समझता है और इसकी मदद से नए फीचर्स और अपडेट्स लाता रहता है। दरअसल आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को फोटोज पहचानने और बिहेवियर समझने के लिए डेटा की जरूरत पड़ती है। उदाहरण के लिए किसी फोटो में बिहेवियर समझने के लिए एआई को एक जैसी स्थिति वाली कई फोटोज समझनी होती हैं।

विप्रो और फेसबुक साथ मिलकर ऐसे एआई पर काम कर रहे हैं, जो फोटो के कॉन्टैक्स्ट को खुद समझ जाएगा। फेसबुक पहले ही फोटो रेकग्निशन फीचर पर काम कर रहा है और यूजर्स के फोटो खुद ही पहचानकर उन्हें टैग कर देता है। इसी तरह अब एआई फोटो किस मौके की है या फिर इसमें लोगों का बिहेवियर क्या है, खुद समझ जाएगा। एआई समझ जाएगा कि फोटो में लोग खुश हैं या दुखी हैं या फिर फोटो का मूड कैसा है। इस सॉफ्टवेयर को डिवेलप करने के लिए विप्रो फोटोज से जुड़ा डेटा कलेक्ट कर रहा है।

jyoti choudhary