जानें फ्यूल इंजेक्शन वाले वाहनों के फायदे और नुकसान
8/20/2017 9:21:19 PM

जालंधर- ऑटोमोबाइल कंपनियां नई-नई टेक्नोलॉजी लेकर आ रही हैं जिनकी मदद से माइलेज में तो सुधार आता ही है साथ ही गाड़ी की परफॉरमेंस भी दुरुस्त बनती है ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी ही फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम। आइए जानते हैं कैसे काम करता है यह सिस्टम।
फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम
मल्टी फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम, फ्यूल इंजेक्ट करते समय उसकी मात्रा को नियंत्रित करता है। इसमें हर सिलेंडर में फ्यूल की सप्लाई के लिए कई इंजेक्टर लगे होते हैं।
यह दो प्रकार के होते हैं, D-MPFi और i-MPFi, D-MPFi में सिलेंडर पहले हवा को लेता है, जिसको वह ECU(इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट) को भेजता है, उसके बाद इंजन से जुड़ा RP सेंसर भी ECU को सिग्नल देता है। ECU इसके बाद इंजेक्टर को गैसोलीन को इंजेक्ट करने के लिए सिग्नल भेजता है। इस टेक्नोलॉजी को ऑटोमोबाइल की बेहतरीन टेक्नोलॉजी में शामिल किया जाता है।
फायदे
इसमें हर सिलिंडर को फ्यूल बराबर मात्रा मे मिलता है जिसकी बजह से इंजन ज्यादा समय तक चलता है। इसके साथ ही गाड़ी की माइलेज बढ़ती है और प्रदूषण भी कम फैलता है। फ्यूल इंजेक्टेड इंजन की परफॉरमेंस और कार्यकुशलता दोनों बेहतर हैं।
नुकसान
फ्यूल इंजेक्टेड इंजन वाली बाइक की कीमत थोड़ी ज्यादा रहती है। वही इसकी मेंटेनेंस भी आम इंजन वाली बाइक्स के मुकाबले थोड़ी ज्यादा ही रहती है।