इन दो सैटिंग्स पर निर्भर करती है आपके मोटरसाइकिल की हैडलाइट

6/13/2018 5:23:57 PM

जालंधर : रात के दौरान मोटरसाइकिल चलाते समय ज्यादा तर चालकों को यह बात सताती है कि रेस के कम होने पर हैडलाइट की बीम यानी रोशनी कैसे कम हो जाती है व इससे ईंधन का उपयोग होता है या नहीं। इसी बात पर ध्यान देते हुए आज हम आपके लिए एक ऐसी रिपोर्ट लेकर आए हैं जिससे आपको आसानी से यह समझने में मदद मिलेगी कि मोटरसाइकिल की हैडलाइट किन तरीकों पर निर्भर करती है व कैसे काम करती है।

 

मोटरसाइकिल की हैडलाइट उसकी निर्माता कम्पनी द्वारा की गई लाइट सैटिंग पर निर्भर करती है। आज के दौर में कम्पनियां दो तरह से लाइट्स को अपने मोटरसाइकिल्स में सैट करती हैं। ज्यादा तर 150 सीसी से उपर वाले मोटरसाइकिल्स में हैडलाइट की पावर को बैटरी के साथ डायरैक्ट किया जाता है जिससे रेस को कम करने पर भी लाइट पर असर नहीं पड़ता है। वहीं अगर बात की जाए 100 सीसी मोटरसाइकिल्स की तो इनमें ज्यादा तर हैडलाइट को अल्टरनेटिव रूप से कनैक्ट किया जाता है। ऐसे में जब आप रेस देते हैं तो लाइट बढ़ जाती है वहीं रेस के कम होने पर हैडलाइट की बीम भी कम हो जाती है।

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इस तरह काम करती है अल्टरनेटिव हैडलाइट

मोटरसाइकिल को स्टार्ट करने पर कम्पनी द्वारा की गई सैटिंग के हिसाब से ही करंट हैडलाइट को जाता है। ऐसे में इंजन द्वारा अल्टरनेटिंग करंट प्रोड्यूस होता है जो रेगुलर रेक्टिफायर और हैडलाइट तक डायरैक्टली पहुंचता है। इसलिए कम पावर वाले मोटरसाइकिल्स की हैडलाइट आल्टरनेटिंग करंट पर ही काम करती है। इसी वजह से लाइट के फ्लो में बदलाव होता है जब आप बाइक को रेस देते हैं और कुछ मॉडल्स को बंद करने पर लाइट काम नहीं करती हैं। तो मूल रूप से कहा जा सकता है कि हैडलैम्प ईंधन का उपयोग नहीं करती है।

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