कम समय में तेजी से चार्ज होगी नई तकनीक पर आधारित बैटरी

6/11/2018 6:30:06 PM

- बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर उठाया गया अहम कदम
- इलैक्ट्रिक कारों के लिए बनाई नई टाइप की बैटरी

जालंधर : शहरों में कम दूरी का सफर तय करने के लिए ज्यादातर लोग छोटी कारों का उपयोग करते हैं, लेकिन इनकी वजह से शहर के भीतरी भागों में प्रदूषण बढ़ता है जिससे पर्यावरण को काफी नुक्सान पहुंच रहा है। इसी बात पर ध्यान देते हुए छोटी इलैक्ट्रिक कारों के लिए एक नए टाइप की बैटरी बनाई गई है जो पावरफुल होने के साथ-साथ काफी हल्की भी है। इसे खास तौर पर 50 से अधिकतम 100 किलोमीटर तक की यात्रा करने के लिए तैयार किया गया है। फ्रांस के एक शहर मार्सिले में स्थित फ्रैंच स्टार्टअप कम्पनी नावा टैक्नोलॉजीस द्वारा इसे बनाया गया है। इस दौरान बैटरी को कार्बन अल्ट्रा कैपेसिटर के साथ जोड़ा गया है जिनकी मदद से इसकी रेंज और पावर में इजाफा हुआ है। 

 

नई तकनीक व अल्ट्रा कैपेसिटर से बनी इस बैटरी को मौजूदा तकनीक से 1,000 गुणा तेजी से चार्ज किया जा सकेगा। कम्पनी ने बताया है कि जितना समय आपको ईंधन से चलने वाली कार के टैंक को भरने में लगता है उससे तीन गुणा कम समय में यानी कुछ सैकेंड्स में ही कार की बैटरी को फुल किया जा सकेगा। 

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अल्ट्रा फास्ट चार्जिंग पर भी गर्म नहीं होगी बैटरी

नई तकनीक पर आधरित इस बैटरी में किसी भी तरह का कैमिकल रिएक्शन नहीं होगा जिससे यह कभी गर्म नहीं होगी व फूलेगी भी नहीं। इसे 10 लाख बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकेगा जिससे लम्बे समय तक इसका उपयोग करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।

 

सस्ती होगी यह बैटरी 

अल्ट्रा कैपेसिटर से बनाई गई इस बैटरी का आसानी से निर्माण किया जा सकेगा व यह काफी सस्ती भी पड़ेगी। नावा कम्पनी के फाऊंडर और COO (चीफ ऑप्रेटिंग ऑफिसर) पास्कल बूलैंजर ने कहा है कि कार्बन अल्ट्रा कैपेसिटर से पर्यावरण को काफी लाभ पहुंचेगा। मेरे लिए इस तरह की बैटरी को बनाने का इरादा तब बना जब मुझे पता चला कि शहरों में बड़ी मात्रा में ईंधन से चलने वाली कारें चलाई जा रही हैं जोकि सही नहीं है। इससे हम अपने ग्रह को नष्ट कर रहे हैं। 

 

अल्ट्रा कैपेसिटर्स को कार्बन और एल्यूमीनियम से बनाया गया है। कार्बन को प्राकृतिक और टिकाऊ स्रोतों में से एक माना जाता है। इसी बात पर ध्यान देते हुए हमने सेफ और क्लीन बैटरीज़ को बनाने वाले असली व टिकाऊ तरीके को खोज निकाला है। 

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फिलहाल और बेहतर बनाई जाएगी यह तकनीक

बेहतरीन बैटरी को बनाने के साथ इसमें अभी एक कमी पाई गई है। अगर आप कार को चार्ज कर गैरेज में स्टोर करके रखते हैं तो प्रतिदिन इसकी बैटरी 10 से 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है जिस पर अभी काम किया जाएगा। 

 

10 से 20 सैकेंड में रीचार्ज होगी बैटरी

Nawa के CEO यूलरिक ग्रेप ने कहा है कि लोग कम दूरी का रास्ता तय करने के लिए छोटी कारों का इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए हमने इस टैक्नोलॉजी को विकसित किया है। नई तकनीक से अधिकतम 100 KM तक का रास्ता तय कर सकते हैं। 


इसके अलावा इसे रीचार्ज करने में भी सिर्फ 10 से 20 सैकेंड का ही समय लगेगा। ग्रेप ने बताया है कि हमारी इस नई टैक्नोलॉजी को लीथियम आयन बैटरी के साथ कम्बाइन करने पर बैटरी के वजन को कम किया गया है। उदाहरण के लिए अगर बैटरी का वजन 300 किलोग्राम है तो इस तकनीक का उपयोग कर उसका वजन 200 किलोग्राम तक रह जाएगा और इसे आसानी से कार में फिट भी किया जा सकेगा। 

 

बैटरी की हो रही टैस्टिंग

कम्पनी के फाऊंडर पास्कल बूलैंजर ने कहा है कि हम विमान निर्माता एयरबस के साथ मिल कर इस टैक्नोलॉजी पर टैस्ट कर रहे हैं। इस दौरान हम यह पता लगा रहे हैं कि मैकेनिकल तौर पर यह बैटरी कैसे काम कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2019 की दूसरी छमाही से इसे प्रोडक्शन लाइन में उपलब्ध किया जाएगा। 


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