Avast ने किया बड़ा खुलासा, न खरीदें इन कम्पनियों के स्मार्टफोन्स

5/25/2018 2:46:26 PM

जालंधर- अवास्ट थ्रेट लैब्स ने कॉजिलून नामक ऐडवेअर की पहचान की है जो myPhone, Archos और ZTE जैसी कंपनियों के एंड्रॉयड डिवाइस में पहले से ही इंस्टॉल रहता है। इन कंपनियों के स्मार्टफोन गूगल से सर्टिफाइड नहीं है और इनमें वायरस का खतरा अन्य फोन की तुलना में काफी ज्यादा है। अवास्ट थ्रेट लैब्स ने बताया कि इस ऐडवेअर का लेटेस्ट वर्जन तकरीबन 18,000 डिवाइस में पाया गया है। ये डिवाइसेज रूस, इटली, जर्मनी, भारत, यूके और अमरीका सहित 100 से भी अधिक देशों में मौजूद हैं। अवास्ट थ्रेट लैब्स के मुताबिक, ऐडवेअर कम से कम तीन सालों से सक्रिय रहे हैं। इन ऐडवेअर को हटाना काफी मुश्किल होता है। यह ऐडवेअर यूजर्स के ब्राउजर में वेबपेज पर एक ऐड या स्क्रीन पर एक ओवरले बना देता है। इनमें से ज्यादातर डिवाइस गूगल द्वारा प्रमाणित नहीं होते हैं।

 

एेसे करें पहचान 

इस कॉलिजून को डिऐक्टिवेट करने के लिए यूजर्स को सबसे पहले सेटिंग्स में जाकर ऐडवेअर को ढूंढना होगा जो सामान्य एंड्रॉयड आइकन के साथ क्रैशसर्विस या टर्मिनल के नाम से हो सकते हैं। इसके बाद अगर यह उपलब्ध है तो एप्स के पेज पर डिसेबल के बटन पर क्लिक कर सकते हैं। यह ऐडवेअर को डिऐक्टिवेट कर देगा लेकिन यह सुविधा एंड्रॉयड के वर्जन पर निर्भर करती है।

 

पहले भी हुअा था मैलवेयर अटैक 

बता दें कि एंड्रॉइड स्मार्टफोन हमेशा से ही मैलवेयर और वायरस का आसान टार्गेट रहे हैं। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, Roaming Mantis वायरस वाई-फाई राउटर के जरिए स्मार्टफोन को निशाना बना रहा है। इस वायरस के बारे में साइबर सिक्योरिटी फर्म Kaspersky ने जानकारी दी है और एंड्रॉइड और आईफोन यूजर्स को सावधान करते हुए बताया है कि ये वायरस लोगों के मोबाइल में मौजूद डाटा और जानकारी को चुरा रहा है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News

static